30 साल पुराना है मकान तो हो जाएं सावधान, सरकार करने जा रही ऐसा…

दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया है कि कम जोखिम वाले भवनों का ऑडिट दूसरे चरण में किया जाएगा. दूसरे चरण में कम जोखिम वाले मकानों, अनाधिकृत और नियमित कॉलनियों के मकान, दिल्ली के गांवों और अन्य कॉलनियों के मकानों का संरचनात्मक ऑडिट किया जाएगा.

 

निजी इमारतों के मकान मालिकों को अपने मकान का संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट खुद करवाना पड़ेगा. आॉडिट में कमी होने पर मकान मालिकों को भूकंपरोधी प्रतिरोध को अपग्रेड करने का आदेश दिया जाएगा.

दिल्ली सरकार के शहरी विभाग के मुताबिक 19 जून 2020 से 18 फरवरी 2021 के बीच विभाग ने कई बैठकें की हैं. इन बैठकों में तय किया गया है कि निजी अस्पतालों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल और निजी व सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता के तौर पर रखा जाएगा.

इन भवनों को देना होगा फिटनेस सर्टिफिकेट दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ को बताया कि पहले चरण के ऑडिट में मानसून से पहले सर्वेक्षण के दौरान असुरक्षित अस्पतालों, संस्थागत भवनों, स्कूल-कॉलेज सहित अन्य इमारतों को प्राथमिकता दी जाएगी.

दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि राजधानी में जोखिम वाले मकानों का ऑडिट का काम चल रहा है. दिल्ली में मकानों का ऑडिट चरणबद्ध तरीके से चल रहा है. दिल्ली सरकार के मुताबिक सभी सरकारी और निजी इमारतों का चरणबद्ध संरचनात्मक ऑडिट होगा.

देश की राजधानी दिल्ली में अगर आपका मकान 30 साल (30 Year Old House) पुराना है तो यह खबर आपके बड़े काम की है. अब दिल्ली सरकार (Delhi Government) भी मुंबई की तर्ज पर 30 साल से अधिक पुराने मकान का फिटनेस प्रमाण पत्र (Fitness certificate) अनिवार्य करने जा रही है.

दिल्ली सरकार ने इसके लिए अब पूरी तैयारी कर ली है. बहुत जल्द ही इस नियम को लागू करने योजना है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को हाई कोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. दिल्ली सरकार भूकंपीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार कार्ययोजना पेश करते हुए अदालत को यह जानकारी दी.