30 से अधिक लाशों को देखकर पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने बोला ये…

सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा पर हुएकी मृत्यु हो गई थी सभी 30 मृतकों के मृत शरीर पोस्टमार्टम के लिए एसएन अस्पताल, आगरा भेजे गए थे
 वैसे तो पोस्टमार्टम हाउस में कार्य करते हुए बनवारी को 19 वर्ष हो चुके हैं दिन-रात लाशों के बीच ही गुजरते हैं लेकिन एक साथ 30 से अधिक लाशों को देखने का यह तीसरा मौका था

सोमवार को बनवरी एक-एक डेड बॉडी को अपने हाथों से उतरवाकर नाम-पते के टैग के साथ रखवा रहे थे पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों की मदद भी कर रहे थे लेकिन सोमवार प्रातः काल से मंगलवार की प्रातः काल तक कराने वाले बनवारी अब टूट चुके हैं न्यूज18 हिन्दी से उन्होंने अपना दर्द साझा किया

बनवारी का बोलना है, “इस बस हादसे में 30 लाशें पोस्टमार्टम के लिए आईं थी इससे पहले 2018 में शहर में बहुत तेज आंधी आई थी उस दौरान शहर  गांव में मिलाकर करीब 40 से अधिक मौतें हुईं थी वहीं 2002 में एक जूता फैक्ट्री में आग लग गई थी उस हादसे में 44 लोगों की मृत्यु हुई थी तब भी मैंने ही सभी लाशों का पोस्टमार्टम कराया था एक साथ दो  चार लाशों का पोस्टमार्टम कराने का तो कोई हिसाब ही नहीं है

लेकिन लापरवाही के चलते इतनी मृत्यु होने पर दिल रोने लगता है दिल-दिमाग में बस ये ही ख्याल आता है कि अब इसके बीवी-बच्चे क्या करेंगे, घर कैसे चलेगा होने कि सम्भावनाहै कि घर में यह अकेला ही कमाने वाला हो काश की यह लापरवाही नहीं हुई होती तो यह सभी लोग जिंदा होते अपने-अपने घरों में परिवार के साथ होते

हकीकत पूछो तो अब इतनी लाशें एक साथ नहीं देखी जाती हैं अब ज़रा भी मन नहीं करता कि पोस्टमार्टम हाउस की जॉब करूं लाशों की भीड़ में बच्चों को देखकर कलेजा मुंह को आने लगता है सोचता हूं कि अभी तो इसने संसार देखी भी नहीं थी  इस आयु में चला गया अब तो ऊपर वाले से बस एक ही दुआ है कि ऐसा मंजर चौथी बार देखने को न मिले ”