2300 कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन के बजाय तीन दिन का अवकाश देने से हुआ इस कंपनी को फायदा

टोक्यो. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने जापान (Japan) की अपनी यूनिट में कर्मचारियों के लिए अनूठी पहल की है. कंपनी ने एक महीने के लिए जापान में वर्क-लाइफ च्वाइस चैलेंज समर 2019 (Work Life Choice Challenge Summer 2019) आयोजित किया. ‘वर्किंग रिफॉर्म पोजेक्ट’ (Working Reform Project) नाम के इस कार्यक्रम को एक महीने के लिए प्रोयोगिक तौर पर किया गया. इसमें माइक्रोसॉफ्ट जापान (Microsoft Japan) ने अपने 2300 कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन के बजाय तीन दिन का अवकाश (Three Day Weekend) दिया. इन कर्मचारियों से हफ्ते में केवल चार दिन ही काम (Four days Week) करवाया गया.

हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी के बदले कर्मचारियों को किसी भी तरह से अपने बाकी छुट्टियों के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ा. माइक्रोसॉफ्ट जापान के इस कदम का असर बेहद उत्साहजनक रहा. तीन दिन का अवकाश देने से कंपनी की प्रोडक्टिविटी 39.9 प्रतिशत बढ़ गई.

इतना ही नहीं, कर्मचारियों ने इस दौरान छुट्टियां कम लीं और कंपनी में 23.1 प्रतिशत कम बिजली की खपत हुई. इससे भी कंपनी का खर्च कम हुआ.

बैठकों का समय घटा माइक्रोसॉफ्ट की उत्पादकता में यह वृद्धि मीटिंग के समय में कमी को माना गया. हफ्ते में केवल चार दिन काम होने के कारण कंपनी के अंदर बैठकें जल्दी खत्म होने लगी. कई मीटिंग्स तो आमने-सामने होने की बजाय वर्चुअल हो गईं. फैसले जल्दी लिए जाने लगे. इससे काम में तेजी आई और उत्पादकता बढ़ गई.

महीने की समाप्ती के बाद जब माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों से उनकी राय जानी तो 92.1 प्रतिशत ने चार दिन के हफ्ते को बेहतरीन आइडिया बताया.

इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट इसे फिर से लागू करने की योजना बना रहा है. चार दिन का हफ्ता इस बार की तरह अगली गर्मियों में या फिर इसके साथ-साथ साल के अन्य महीनों में भी आजमाया जा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम पर कुछ वेशषज्ञों की राय है कि यह हर कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता. जिन कंपनियों को हफ्ते में सातों दिन काम करने की आवश्यकता पड़ती हैं उन्हें अपना काम चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी पड़ेगी. इससे कंपनी के बजट पर बोझ बढ़ सकता है.

माइक्रोसॉफ्ट में दूसरे किस्म का काम होता है इसलिए वहां यह परंपरा काम कर सकती है. हालांकि सच है कि विकसित देशों में कर्मचारी संतुष्टी के मामले में जापान की छवि बेहद खराब है.