2019 में केरल में एक दीवार बनाकर सालों पुरानी पाबंदियों को तोड़ने की तैयारी चल रही महिलाएं

साल 2019 में केरल में एक दीवार बनाकर सालों पुरानी पाबंदियों की दीवार को तोड़ने की तैयारी चल रही है. मंगलवार को महिलाएं अपने हक  समानता के अधिकार के लिए 620 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाकर यह दीवार बना रही है. आसार जताई जा रही है कि इस महिला दीवार को बनाने के लिए एक लाख महिलाएं भाग ले सकती हैं.

सबरीमला के अय्यप्पा मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के  कोर्ट के आदेश के बावजूद आज तक किसी भी महिला (रजस्वला आयु की) को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है.

इस अभियान में विजयन गवर्नमेंट को 176 पार्टियों  संगठनों से समर्थन मिल चुका है. समर्थन देने वालों में प्रभावशाली श्री नारायण धर्म परिपालन योगम भी शामिल है. CMपिनाराई विजयन ने बोला था कि सबरीमाला में स्त्रियों के प्रवेश के विरूद्ध सांप्रदायिक ताकतों के प्रदर्शन ने गवर्नमेंट  अन्य प्रगतिशील संगठनों को राज्य में स्त्रियों की दीवार बनाने के लिए प्रेरित किया.

इस दीवार का भाग बनने के लिए महिलाएं शाम तीन बजे निर्धारित स्थानों पर पहुंचेंगी, जहां पहले एक्सरसाइज किया जाएगा. शाम चार से लेकर सवा चार बजे तक इस दीवार का निर्माण किया जाएगा  उसमें भाग लेने वाली महिलाएं लैंगिक समानता बनाए रखने का संकल्प लेंगी.

कसोरगोड में इस श्रृंखला की अगुवाई सेहत मंत्री के के शैलजा करेंगी जबिक तिरुवनंतपुरम में श्रृंखला के आखिर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) नेता वृंदा कारत होंगी. इस प्रस्तावित दीवार की सफलता सुनिश्चित करने के लिए वार्ड स्तर से लेकर जिला  निर्वाचन एरिया स्तर पर बैठकें की गईं.

सबरीमाला के मुद्दे ने लोकल बीजेपी को थोड़ी ताकत दी है वहीं कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर अब भी कन्फूजन की स्थिति में है. यह दीवार वाम साझेदारी के 20 लोकसभा सीटों को जीतने के अभियान का भाग माना जा रहा है. जब CM विजयन ने 1 दिसंबर की बैठक के बाद इस महिला दीवार के निर्माण की बात की थी तब इसे चुनाव अभियान के आरंभ के रूप में देखा जाने लगा था.