Reserve Bank of India (RBI) Governor Raghuram Rajan attends a news conference after their bimonthly monetary policy review in Mumbai, India, June 7, 2016. REUTERS/Danish Siddiqui

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार को लेकर “रघुराम राजन” ने दिया बड़ा बयान

देश में चुनावी माहौल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. इंडिया टुडे से खास बातचीत में राजन ने आशंका जताई है कि अगर 2019 लोकसभा चुनाव के बाद देश में गठबंधन की सरकार आती है तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ सकती है. राजन का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे के नजदीक नजर आता है, जिसमें वह कहते हैं कि देश को मजबूर नहीं मजबूत सरकार की जरूरत है.

स्विट्जरलैंड के दावोस (DAVOS) में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान इंडिया टुडे से बातचीत में पूर्व आरबीआई गर्वनर ने जीएसटी और नोटबंदी से लेकर आरबीआई की स्वतंत्रता पर भी विचार साझा किए. इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर राय देते हुए कहा कि देश में उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने देश में नई सरकार को लेकर भी अपना पक्ष रखा.

उन्होंने बताया कि अगर 2019 चुनाव नतीजों के बाद देश में गठबंधन की सरकार बनती है तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार आने की स्थिति में खुद के वित्त मंत्री बनने की चर्चाओं को भी खारिज किया. उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं, ये सब महज अटकलें हैं.

गठबंधन सरकार को लेकर रघुराम राजन का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है. ये बयान ऐसे वक्त आया है जबकि मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस समेत दूसरे बीजेपी विरोधी दल एक मंच पर आकर चुनावी मैदान में जाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही विपक्षी दलों की तरफ से ये भी कहा जा रहा है कि चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद वह बातचीत के जरिए प्रधानमंत्री का उम्मीदवार फाइनल कर लेंगे.

यानी अगर ऐसी कोई स्थिति बनती है तो देश को कई दलों वाली एक सरकार मिलेगी, जिसे मोदी मजबूर सरकार की संज्ञा देते हैं. हालांकि, ऐसी स्थिति एनडीए के लिए भी पैदा हो सकती है. अगर बीजेपी अपने दम पर अच्छा स्कोर नहीं कर पाई तो उसे भी दूसरे दलों की मदद से सरकार चलाने पड़ सकती है. यानी किसी भी स्थिति में ऐसा हो सकता है.

GST को बताया सही कदम, नोटबंदी को झटका

मोदी सरकार के दो बड़े आर्थिक फैसलों जीएसटी (Goods and Service Tax) और नोटबंदी पर भी पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपनी राय रखी. जीएसटी को जहां रघुराम राजन ने जहां सकारात्मक कदम बताया. दूसरी तरफ उन्होंने हालांकि नोटबंदी पर खुलकर कुछ नहीं बताया लेकिन उसे सेटबैक यानी झटका करार दिया.

रघुराम राजन का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अब तक कांग्रेस उनके नाम के सहारे मोदी सरकार को घेरती रही है. साथ ही उनके इस्तीफे के बहाने मोदी सरकार आरबीआई जैसी बड़ी संस्था को बर्बाद करने के आरोप लगाती रही है. अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए रघुराम राजन के बयानों को भी कांग्रेस अपने हिसाब से मोदी सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करती रही है.