इन सीटों पर बदलेगी कांग्रेस की तस्वीर!

लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा दांव खेलते हुए प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव घोषित कर दिया। इसी के साथ उनको पूर्वी यूपी की कमान भी दे दी गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए यह भी साफ कर दिया कि वह सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए ही यूपी में नहीं आई है, बल्कि एक लंबी पारी खेलेंगी। जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे है कि प्रियंका गांधी आने वाले समय में यूपी से चुनाव तो लड़ेगी ही बल्कि यूपी में सीएम पद की दावेदार भी होंगी।

प्रियंका गांधी अभी तक अमेठी और रायबरेली लोकसभा की दो सीटों तक सीमित थीं, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने के बाद ही उनको जिम्मेदारी प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्य मंत्री की सीटों तक बढ़ गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी तो सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

यहां कांग्रेस मजबूत होगी

वैसे तो कांग्रेस की स्थिति पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई खास अच्छी नहीं है। गोरखपुर, बस्ती, खलीलाबाद, डुमरियागंज, पडरौना, महाराजगंज, देवरिया, सलेमपुर, आजमगढ़, मछलीशहर, गाजीपुर, जौनपुर, बांसगांव, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फैजाबाद, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर समेत करीब चालीस सीटें हैं जिस पर कांग्रेस को अपनी मजबूरी साबित करनी होगी। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी सके आने यहां कांग्रेस मजबूत होगी।

डुमरियागंज, महराजगंज, पडरौना में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। पडरौना और डुमरियागंध से कांग्रेस ने 2009 में जीत दर्ज की थी। वहीं कई सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है। जिसका फायदा कांग्रेस को मिला सकता है। मुस्लिम और युवा वर्ग प्रियंका के आने से कांग्रेस की ओर जुड़ेगा।

2014 में थी सबसे ख़स्ता हालत

कांग्रेस की 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में हालत 1998 के बाद सबसे ख़स्ता रही है। पिछले चुनाव में कांग्रेस कुल 66 सीटों पर ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था। कुल 7.5 प्रतिशत वोटों के साथ कांग्रेस ने महज़ दो लोकसभा सीटें जीत रायबरेली से सोनिया गांधी 3,52,713 और अमेठी में राहुल गांधी स्मृति ईरानी से सिर्फ 1,07,903 वोटों से जीत पाए थे। इनके अलावा 6 सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी, लेकिन इन सभी सीटों पर हार जीत का बड़ा अंतर था। सबसे कम अंतर सहारनपुर सीट पर था। यहां इमरान मसूद 65 हजार वोटों से हारे थे। उसके बाद कुशीनगर लोकसभा सीट पर पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह 85,540 वोट से हारे थे। सबसे ज्यादा वोटों से हारे थे गाजियाबाद से राज बब्बर उन्हें विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के मुकाबले 567676 से हार का सामना करना पड़ा था। बाराबंकी से पीएल पुनिया 2,11,000 वोटों से हारे थे तो कानपुर से श्री प्रकाश जयसवाल 2,22,000 वोटों से चुनाव हारे थे। वहीं लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने रीता बहुगुणा 2,72,000 वोटों से चुनाव हारी थीं। कांग्रेस के करीब 50 उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हुई थी।