सूत्रों के अनुसार इस फॉर्मूले को लेकर जो सबसे बड़ी समाचार ये है कि आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को साझेदारी से बाहर कर दिया गया है, यानी बिहार में एनडीए अब उपेंद्र कुशवाहा के बिना ही चुनाव मैदान उतरेगी। अमित शाह के नए फॉर्मूले के तहत 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी व जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, दोनों के बीच 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमति बन चुकी है। रामविलास पासवान के लिए शाह के फॉर्मूले में अच्छी समाचार है, साझेदारी में उन्हें 6 सीटें दी जाएंगी। वर्तमान में रामविलास पासवान की पार्टी के पास 5 लोकसभा सांसद हैं।
हालांकि, एनडीए में बने रहने को लेकर आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अभी तक कोई रिएक्शन नहीं दी है। इससे पहले समाचार आई थी कि बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा को साझेदारी के तहत दो सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, जिसे लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी। बिहार में सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच उपेंद्र कुशवाहा पिछले दिनों आरजेडी नेता तेजस्वी यादव व लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव से भी बात कर चुके हैं, ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि एनडीए से अलग होने के बाद कुशवाहा महागठबंधन का भाग बन सकते हैं।