दो साल के मासूम को हुई ये बीमारी, सिंगल डोज इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़

योगेश गुप्ता के दो साल के बेटे अयांश की जिंदगी सिर्फ एक इंजेक्शन पर टिकी है. अयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप-1 नाम की बीमारी है. ये बीमारी 11 हजार लोगों में औसतन एक को होती है. दुनिया में इसका एकमात्र इलाज जीन रिप्लेस्मेंट थैरेपी Zolgensma है. अमेरिका से आने वाले Zolgensma के सिंगल डोज की कीमत 16 करोड़ रुपये है.

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बेहद दुर्लभ बीमारियों में से एक है. इसमें मरीज में एक खास जीन की कमी की वजह से उससे उत्पन्न होने वाला एक खास प्रोट्रीन शरीर में नहीं बनता है. इससे मांसपेशियां काम नहीं करती है. ऐसे बीमारी से पीड़ित बच्चों को बोलने, निगलने और सिर हिलाने में भी दिक्कत आती है. मासूम बेटे की ऐसी हालत देखकर मजबूर माता-पिता खुद को बेबस समझ रहे थे. लेकिन अब एक उम्मीद की किरण जगी है. इलाज के लिए पैसे इकट्ठा हो जाएंगे और मासूम अयांश का इलाज हो सकेगा.

 तेलंगाना की राजधानी में दो साल के एक मासूम को ऐसी बीमारी हो गई है, जिसके इलाज के लिए पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही दवा है और उस दवा की कीमत है 16 करोड़ रुपये. चौंकिए मत ये सच्चाई है. इस बच्चे को जो सिंगल डोज इंजेक्शन देना है, उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. मिडिल क्लास फैमिली के लिए इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना असंभव है, लेकिन जब मदद के हाथ बढ़ने शुरू हुए तो एक हफ्ते में करीब सवा करोड़ रुपये क्राउड फंडिंग (crowd funding) से जमा हो गए.

क्राउड फंडिग का मतलब होता है, आमलोगों से आर्थिक मदद लेकर कोई काम करना.. यह एक तरह से समाज का सामूहिक प्रयास है. इम्पैक्टगुरू डॉट कॉम महंगे इलाज के लिए क्राउड फंडिंग जुटाने वाली वेबसाइट है. इस वेबसाइट पर अब तक अयांश के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये जमा हो चुके हैं. मदद के ज्यादा हाथ बढ़ेंगे, तो 16 करोड़ जुटाना भी बड़ी बात नहीं है