18,500 फीट की ऊंचाई पर लोगो ने पहली बार देखा ये, देखकर लोगो में फैली दहशत

देवों के देव महादेव भगवान शिव के भक्तों के लिए पंच कैलाश की यात्रा बहुत ज्यादा अर्थ रखती है। यही कारण है कि दुर्गम रास्तों को पार कर व अपनी जान जोखिम में डालकर भगवान शिव के श्रद्धालु पंच कैलाश यानी भगवान भोलेशंकर के पांच तीर्थ स्थानों के दर्शन के लिए जाते हैं।

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भगवान शिव के तीर्थ में कैलाश पर्वत, मणिमहेश, किन्नर कैलाश, आदि कैलाश व श्रीखंड महादेव शामिल हैं। ऐसे में सभी यह भी जानते हैं कि इन सभी तीर्थस्थानों तक पहुंचना बहुत ज्यादा कठिन होता है, लेकिन इन सभी में श्रीखंड महादेव तक पहुंचने का रास्ता सबसे दुर्गम व कठिन माना जाता है।

बता दें 15 जुलाई से श्रीखंड महादेव की यात्रा प्रारम्भ होने जा रही है, प्रशासन ने श्रीखंड महादेव यात्रा की तिथियां घोषित कर दी हैं। ऐसे में जो भी श्रद्धालू श्रीखंड महादेव के दर्शन करना चाहते हैं वह 10 से 14 जुलाई के बीच अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रियों को शारीरिक जाँच प्रमाण लेटर भी देना होगा, जिससे कि प्रशासन यह जान सके कि आप इस यात्रा में जा सकते हैं या नहीं। बता देंजोखिम भरी होती है, जिसके चलते ट्रस्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बीमार व शारीरिक रूप से निर्बल लोग इस यात्रा में शामिल होकर अपनी जान जोखिम में न डालें।

उपमंडल के निरमंड खंड की 15,500 फीट ऊंची पहाड़ी पर बसे श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए दर्शनार्थियों को 35 किलोमीटर की जोखिम भरी यात्रा पार करना पड़ता है, जिसके बाद वह श्रीखंड महादेव के दर्शन कर पाते हैं। बता दें बीते 2-3 वर्षों में यहां ऑक्सीजन की कमी के चलते करीब 35 से भी अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसके चलते श्रीखंड महादेव की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की आयु सीमा भी तय की गई है। साथ ही ट्रस्ट ने यह भी तय किया है कि किसी भी यात्री को उनकी फिटनेस देखकर ही श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी।