अगर आपके पास वीजा, मास्टर कार्ड व अमेरिकन एक्सप्रेस का डेबिट या क्रेडिट एटीएम (ATM) कार्ड है तो यह 15 अक्टूबर के बाद कार्य करना बंद कर सकता है। इसका कारण का वह नियम है जिसके तहत यूजर्स का डाटा विशेष रूप से हिंदुस्तान में ही स्टोर करने को जरूरी बनाया जा रहा है। लेकिन वीजा व मास्टरकार्ड समेत 16 पेमेंट कंपनियां इसे नहीं मान रहीं। उनका तर्क है कि लोकल डाटा स्टोरेज से उनका लागत खर्च बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।
62 कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के नियम को माना
भारतीय रिजर्व बैंक के नियम के तहत हर पेमेंट कंपनी को पेमेंट सिस्टम से जुड़े डाटा का लोकल स्टोरेज करना जरूरी है, जो 16 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा। हिंदुस्तान में ऐसी 78 पेमेंट कंपनियां कार्य कर रही हैं, जिनमें 62 ने भारतीय रिजर्व बैंक के नियम को मान लिया है। इनमें अमेजन, व्हाट्सऐप व अलीबाबा जैसी ई कॉमर्स कंपनियां भी शामिल हैं।
आरबीआई व समय देने के मूड में नहीं
जिन 16 कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के नियम को नहीं माना है, उनका कहना है कि हिंदुस्तान में डाटा स्टोरेज सिस्टम से न सिर्फ लागत खर्च बढ़ेगा बल्कि डाटा की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होंगे। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक से इस समयसीमा को व बढ़ाने की मांग की है। बड़ी व विदेशी पेमेंट कंपनियों ने वित्त मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने को बोला है।बिजनेस स्टैंडर्ड की समाचार के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक इन कंपनियों को व समय देने के मूड में नहीं है। इन कंपनियों को पहले ही 6 माह का समय दिया जा चुका है।
सरकार ने बनाई थी समिति
सेवानिवृत न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर गवर्नमेंट ने व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा विधेयक के मसौदे पर जन-सुझाव मांगा था। सुझाव देने की अंतिम तारीख पहले 10 सितंबर तय की गई थी, जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2018 कर दिया गया था। डाटा सुरक्षा पर समिति ने अपनी रिपोर्ट जुलाई में केंद्र गवर्नमेंट को सौंपी थी।
डाटा लोकलाइजेशन से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
हालांकि विचार मंच ब्राडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) का कहना है कि डाटा लोकलाइजेशन जरूरी किए जाने से राष्ट्र की आर्थिक विकास दर पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए गवर्नमेंट को इसमें उदारता का रुख दिखाना चाहिए। बीआईएफ के अनुसार, डाटा लोकलाइजेशन से लागत का बोझ बढ़ जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है। विचार मंच ने कहा, ‘बीआईएफ गवर्नमेंट से डाटा सुरक्षा के अंतिम विधेयक में ज्यादा उदारता का रुख दर्शाने पर विचार करने की मांग करता है। ‘