सपने तो सब देखते हैं पर उन्हें हकीकत कर दिखाने का जोश व जज्बा कुछ ही लोगों में होता है. यह तभी मुमकिन है जब मेहनत सच्चे दिल से की गई हो.
मेरठ के शिवम शुक्ला ने इस तथ्य को सार्थक किया है. उन्होंने न केवल उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है बल्कि सारे हिंदुस्तान को गोरांवित किया है.
अमेरिका स्थित Draper university ने शिवम के द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की गुणवक्ता को तो समझा ही साथ ही उसकी सरहायना भी की. बता दें अभी हाल ही में शिवम ने 12वीं इम्तिहान को 70 प्रतिशत अंक लाकर उत्तीर्ण किया है. उनके लिए 70 प्रतिशत अंक लाना बड़ी बात इसलिए भी है क्योंकि उनका ध्यान सिर्फ परीक्षाओं पर नहीं था, वे साथ में इस सॉफ्टवेयर पर भी अपना समय लगा रहे थे. अमर उजाला से हुई खास वार्ता पर शिवम ने क्या बोला पढ़ते हैं अगली स्लाइड में
1- सॉफ्टवेयर बनाने का ख्याल कैसे आया?
मुझे बचपन से ही गाने का शौक था. नई–नई भाषाओं के गाने सुनना व उनकी प्रैक्टिस करना मुझे बेहद पसंद था. एक बार मेरा गला बेकार हो गया. बहुत प्रयास करने के बाद भी मैं नहीं गा पाया. उसी वक्त मेरे दिमाग में एक सॉफ्टवेयर बनाने का आइडिया आया. मैं 10वीं कक्षा में था, जब मुझे ये आइडिया आया. चूंकि मेरे पापा-मम्मी बरेली रहते हैं इसलिए मैंने अपने मामा से मदद मांगी. उन्होंने मुझे हर वो वस्तु लाकर दी, जिसकी मुझे आवश्यकता थी.
2- ये सॉफ्टवेयर कैसे कार्य करता है?
स्क्रीन पर कुछ पंक्तियां दिखाई देंगी, जिन्हें आपको 1 से 2 मिनट के अंदर पढ़ना है. ऐसा करने पर आपकी आवाज उस सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड हो जाएगी. उसके बाद आप जो भी गाना अपनी आवाज में सुनना चाहें, उसे सर्च कर आप आनंद उठा सकते हैं.
3- आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
अभी मेरा पूरा ध्यान इस प्रतियोगिता में है. मैं सॉफ्टवेयर फील्ड में अपना करियर बनाना चाहता हूं.
शिवम में बताया कि इस तरह के सॉफ्टवेयर चाइना की कुछ कंपनियां करोड़ों-अरबों देकर बनवाती हैं. पर शिवम ने कुल एक लाख से भी कम में इस सॉफ्टवेयर को बनाकर दिखाया.