ख़त्म होने जा रहा आंदोलन ,किसानों का सरकार को अल्टीमेटम, 8 दिसंबर को…

किसानों के आंदोलन को विपक्ष का भी समर्थन मिल गया है. कांग्रेस, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाम दलों समेत कई प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को समर्थन दिया है.

 

शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि देश के किसानों द्वारा पुकारे गए राष्ट्रव्यापी बंद को शिवसेना का समर्थन! किसान अन्नदाता हैं, इसलिए उनके प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी के नाते देश की जनता को भी किसानों के बंद में स्वेच्छा से हिस्सा लेना चाहिए. शिवसेना किसानों की मांगों और 8 दिसंबर के भारत बंद में उनके साथ है. जय हिंद!

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने भारत बंद की रूपरेखा भी रखी. किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं है. पूरे देश के किसान इसमें शामिल हैं. किसानों के भारत बंद के आह्वान से मंत्री तिलमिलाए हुए हैं.

बलदेव सिंह निहालगढ़ ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा. चक्का जाम 3 बजे तक होगा. एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा. शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा.

बलदेव सिंह निहालगढ़ ने किसानों के समर्थन में मेडल वापस का ऐलान करने वाले खिलाड़ियों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि जो मेडल वापस कर रहे हैं, उनका धन्यवाद. गुजरात से किसान आए थे, उनका धन्यवाद. आंदोलन तेज करना मजबूरी बन गया है, सरकार तीन कानून बदलने को लेकर उत्सुक नहीं दिख रही है. हम लगातार आंदोलन करेंगे. 8 तारीख के आंदोलन में सबको शामिल होना चाहिए.

किसानों ने कहा कि वे अपनी मांगों से समझौता करने वाले नहीं हैं. किसानों ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ सुनते रहे हैं. अब पीएम मोदी को किसानों के मन की बात सुननी चाहिए.

किसान नेता जगमोहन ने कहा कि किसान नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद तय हुआ है कि हम अपनी मांगों से कोई समझौता नहीं करेंगे. मोदी के मन की बात हम सुन रहे हैं, अब उनको हमारे मन की बात सुननी है.

दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर किसान संगठनों की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. किसान संगठनों ने सरकार को बड़ा और कड़ा संदेश दिया है. किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को देश भर में बंदी और 9 दिसंबर को छठे राउंड की बातचीत को लेकर बड़ा ऐलान किया.

इन संगठनों ने किसानों से दिल्ली कूच करने की अपील की है, तो 9 दिसंबर को जब किसान संगठन छठे राउंड की मीटिंग के लिए सरकार के साथ टेबल पर होंगे तो क्या होगा, ये ऐलान भी किसान संगठनों ने कर दिया है.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं. किसान संगठनों ने एक बार फिर से सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा और 8 दिसंबर को उनका भारत बंद भी होकर रहेगा. किसान नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये सारी जानकारी दी है.