स्कूल में लड़की की जगह एक लंगूर करीब दो हफ्तों से लगा रहा हाजिरी, पढ़े पूरा मामला

आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले का एक सरकारी प्राइमरी स्कूल अपने एक ‘स्पेशल स्टूडेंट’ के चलते इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बेहद बेकार इंफ्रास्ट्रक्चर  शिक्षकों की कमी के चलते यहां दर्ज़ 60 विद्यार्थियों में कुछेक ही स्कूल आते हैं. लेकिन एक स्पेशल स्टूडेंट ने बच्चों की हाजिरी सौ फीसदी कर दी है. आपको हैरानी होगी कि ये स्टूडेंट एक लंगूर है जिसका नाम लक्ष्मी है.

पिछले दो हफ्तों से स्कूल में एक ढाई वर्ष का मादा लंगूर आ रहा है. वह रोज क्लास अटैंड करता है, किताब देखकर पढ़ाई करता है  बच्चों के साथ खेलता है  उन्हीं के साथ लंच भी करता है.

स्कूल के हेडमास्टर लतीफ खान ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया- ‘पास के ही जंगल से तीन लंगूर आए थे. जिसमें दो लंगूरों की हादसे में मृत्यु हो गई, वहीं एक मादा लंगूर स्कूल में आ गया. 5वीं तक के इस स्कूल में 5 से 10 वर्ष तक के बच्चे पढ़ते हैं. वह आरंभ में इससे बहुत ज्यादा डरते थे, लेकिन अब वो लंगूर के दोस्त बन चुके हैं. बच्चे उसे लक्ष्मी बुलाते हैं  वो सुनकर रिएक्शन देती है.

हेडमास्टर खान ने कहा- ‘लंगूर पहले दिन से ही अच्छा व्यवहार कर रहा है. वो रोज प्रातः काल प्रेयर अटेंड करता है, बाकी स्टूडेंट्स के साथ क्लास में बैठता है, बिना किसी को परेशान किए किताबें पढ़ता है. किताब में अगर दिलचस्प फोटो दिखती है तो वो उंगली रख देता है  गौर से देखने लगती है. फिर दूसरा पन्ना पलटता है. उसे ब्लेकबोर्ड पर लिखने के लिए चॉक दी जाती है तो वो वह उसे मुंह में रख लेती है, जिसे तुरंत निकालना पड़ता है क्योंकि अगर वो चॉक को खाएगी तो उसके पेट संबंधी समस्या आ सकती है.

खान ने कहा- ‘शुरुआत में शिक्षकों को लगा कि लंगूर बच्चों की पढ़ाई में बाधा बनेगा. हमने क्लास के गेट बंद कर दिए थे. लेकिन वह खिड़की पर आकर ग्रिल पकड़कर बैठता  टीचर के लेक्चर सुनता. फिर हमने उसे अंदर आने दिया. इसके बाद उस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई. स्कूल के स्टूडेंट्स उससे प्यार करते हैं. वह उसके साथ अपना मिड डे मील शेयर करते हैं.स्कूल ने लक्ष्मी के खाने के लिए केले  अन्य फल की व्यवस्था की है.

हेडमास्टर ने बताया कि लक्ष्मी के आने के बाद स्कूल की अटेंडेंस 100 फीसदी हो गई है. इसका पूरा श्रेय लक्ष्मी को ही जाता है. उसका आना स्कूल के लिए अच्छा है.