सोनिया गांधी और मायावती को लेकर हरीश रावत ने की ये बड़ी मांग, कहा मिलना चाहिए…

बहुजन समाज पार्टी के गौतम ने कहा ‘उनकी मांग केवल जनता को बेवकूफ बनाने की रणनीति से ज्यादा कुछ नहीं है.’ वहीं, उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा ‘इससे पहले कांग्रेस सरकार दलित आईकन बाबासाहब आंबेडकर को उच्च सम्मान नहीं देने में असफल रही थी. यह बसपा के संस्थापक काशीराम साहू और मायावती समेत दूसरे बसपा नेताओं की मांग के बाद मुमकिन हुआ था.’

उन्होंने कहा ‘हम यही सम्मान काशीराम जी के लिए भी मांग रहे थे, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उन्होंने इसपर ध्यान नहीं दिया. अब जब वे सत्ता में नहीं हैं, तो ऐसी मांग उठा रहे हैं.’

इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने भी रावत की मांग पर सवाल उठा दिए हैं. बीजेपी ने कहा कि रावत किसी ऐसे व्यक्ति को उच्च सम्मान देकर गलत मिसाल कायम करना चाहते हैं, जो अदालती मामलों का सामना कर रहीं हैं.

दरअसल रावत ने कहा कि सोनिया गांधी और मायावती ने महिला सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘सोनिया और मायावती दोनों बड़ी राजनेता हैं. सोनिया गांधी की राजनीति से एक बार कोई असहमत हो सकता है, लेकिन महिला सशक्तिकरण में उनके किए कामों को नकार नहीं सकता.’ रावत के अनुसार, आज उन्हें नारीवाद की मूर्ति के रूप में देखा जाता है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रावत ने मायावती की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘इसी तरह मायावती ने दबे और पिछड़े वर्ग के हक में आवाज उठाई. इसके अलावा उन लोगों में विश्वास की भावना जगाई है’. कांग्रेस नेता ने अपील की है कि इस साल भारत सरकार को दोनों महिलाओं का भारत रत्न देकर सम्मान करना चाहिए. रावत की इस मांग के बाद सियासत शुरू हो गई है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) चाहते हैं कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) को भारत रत्न दिया जाए. उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) ट्वीट भारत सरकार से दोनों को पुरस्कार दिए जाने की मांग की है.

इसके लिए रावत ने महिला सशक्तिकरण का हवाला दिया है. हालांकि, बसपा ने रावत की कोशिशों पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने आरोप लगाया कि ये जनता को बेवकूफ बनाने की रणनीति है.