कोरोना वैक्सीन लगाते ही शुरू हुआ ये, जानकर छूटे लोगो के पसीने

वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सक्रिय मामले 6 महीने के बाद 2,50,000 से कम हो गए हैं। पिछले 11 दिनों से कोरोना से रोज़ 300 से कम लोगों की मौत हो रही है। पॉजिटिविटी रेट 6% से भी कम हो गया है.

 

हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को कोविन प्लेटफॉर्म(वैक्सीनेशन के लिए) पर अपना पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी, उनका डाटा पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए सेशन बांटने की पूरी प्रकिया इलेक्ट्रॉनिकली होगी। लाभार्थी को वैक्सीनेशन हुआ ये डिजिटली रिकॉर्ड किया जाएगा और उसे अगला डोज़ लेने कब आना है इसकी जानकारी भी उसे डिजिटली मिलेगी।

वैक्सीन लेने के बाद अगर उसका कोई बुरा प्रभाव होता है तो उसकी ​रियल टाइम रिपोर्टिंग के लिए कोविन वैक्सीन डिलीवरी मैनेजमेंट सिस्टम में प्रावधान किया गया है।

कोरोना वैक्सीन लगना शुरू होते ही वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार भी किये जानें की आशंका है, अफवाह गैंग को सक्रिय होने में तनिक भी समय नहीं लगेगा। लोगों का मानना है कि वैक्सीन लगना शुरू होते ही अफ़वाह गैंग सक्रिय हो जाएगा।

लोग कैसे भी मरें, अफवाह गैंग उसे वैक्सीन से जोड़ने का अफ़वाह उड़ाएंगे। ऐसे मामलों से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि जो लोग अफवाह फ़ैल सकते हैं कि वैक्सीन लेने से नपुंसक होने का डर है तो उस टाइप के लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.

वैक्सीनेशन पर स्वास्थ मंत्रालय ने कहा हैए कि 10 दिनों में वैक्सीन लगनी शुरू हो सकती है। कोवैक्सीन के इस्तेमाल से पहले रजामंदी लेना जरूरी होगा। मंजूरी मिलने के 10 दिन बाद वैक्सीन रोल आउट हो सकता है।

कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार ( 3 जनवरी, 2021 ) को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित को-वैक्सीन और स्वदेशी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है, स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद अब अफवाहों का दौर भी शुरू हो चुका है, भारतीय कंपनियों की सफलता से बौखलाये लोग वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के ऊल-जुलूल सवाल उठा रहे हैं.