साढ़े छह महीने से अपनी कोख में पल रहे बच्चे को चलती ट्रेन में में दिया जन्म, फिर हुआ ये…

21 साल की इंद्रमनी देवी ने साढ़े छह महीने से अपनी कोख में पल रहे बच्चे के लिए जाने क्या-क्या सपने संजोए थे। लेकिन, सरकारी व्यवस्था ने उनके सारे सपने छीन लिए और समय से पहले पैदा हुए उनके बच्चे की मौत हो गई।
दर्द से कराहती महज 21 साल की इंद्रमनी और उसके पति सेतरो खेरवार ने हटिया से रांची तक का सफर किया, लेकिन उन्हें स्टेशन पर इलाज नहीं मिला। यहां उन्हें सिर्फ एंबुलेंस में बैठाकर सदर अस्पताल भेज दिया गया, लेकिन डॉक्टरों ने कोई सुध नहीं ली। इस दौरान इंद्रमनी और उनके पति करीब छह घंटे तक अपने नवजात का शव झोले में लेकर भटकते रहे।

लोहरदगा निवासी सेतरो खेरवार तमिलनाडु में नारियल की फैक्ट्री में काम करते हैं। उनकी पत्नी इंद्रमनी देवी भी साथ ही रहती हैं। प्रसव का समय नजदीक आता देख दंपती ने घर लौटने का फैसला किया। ये लोग एलेप्पी एक्सप्रेस से लौट रहे थे। ट्रेन बुधवार सुबह छह बजे हटिया स्टेशन के आउटर पर पहुंची, तो इंद्रमनी को दर्द होने लगा और उन्होंने ट्रेन की बर्थ पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

बच्चा प्री-मेच्योर था, ऐसे में सेतरो ने बोगी पर लिखे रेलवे के हेल्पलाइन नंबर कर कॉल करके सहायता मांगी। उसे उम्मीद थी कि हटिया स्टेशन पहुंचने पर जच्चा-बच्चा को इलाज मिल जाएगा। लेकिन, हटिया स्टेशन पर दंपती की सहायता के लिए डॉक्टर ही काफी देर से पहुंचे। इस बीच नवजात की मौत हो गई।