सरकार ने कहा हिन्दुस्तान में रहने के लिए अब सभी के पास होना चाहिए ये, जानकर लोग रह गए दंग

देश मे गाड़ियों की वजह से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. शहरों में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है.

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हाल ही में पेश हुए बजट में भी सरकार ने एलान किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दरें 12 फीसदी के घटा कर 5 फीसदी कर दी गई हैं. साथ ही, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर आयकर में भी छूट दी जाएगी. सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह इलेक्ट्रिक चालित करने का है, वहीं इस अवधि में पर्सनल परिवहन वाले 40 फीसदीवाहनों को भी इलेक्ट्रिक चालित करने का लक्ष्य है. दोस्तों आज संसार के 20 सबसे ज्यादा शहरों में अकेले हिंदुस्तान के ही 14 है. इस बढ़ते प्रदूषण को कम अनदेखा करके न जाने कितनी ही गंभीर बीमारियों को न्योता दे दे रहे हैं. इस रिपोर्ट में हम आपको 5 ऐसे पॉइंट्स बता रहे हैं कि आखिर हमें अब क्यों इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत है.

उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं व आर्थिक विकास की वज़ह से शहरीकरण बढ़ रहा है. छोटे शहरों व गावों में जहां रोजगार के मौका नहीं हैं वहां के लोग जॉब की तलाश में शहरों का रुख करते हैं. जिसकी वजह से ऊर्जा व परिवहन अवसंरचना पर दबाव तो बढ़ता ही है व साथ ही शहरों में न सिर्फ भीड़भाड़ होती है बल्कि प्रदूषण भी बढ़ता है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग से बढ़ते प्रदूषण पर बहुत ज्यादा हद तक रोक लगाईं जा सकती है.

ग्लोबल तापमान लगातार बढ़ रहा है जिसकी वजह से जीवाश्म ईंधन के प्रयोग व उससे होने वाले उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों पर पहल करने को मजबूर कर दिया है. आपको बता दे कि हिंदुस्तान में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को वर्ष 2030 तक वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में 33 फीसदी से 35 फीसदी तक कम करने की कमिटमेंट किया है. व यह तभी संभव होने कि सम्भावना है जब ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करेंगे.

इंटरनल कम्बस्चन इंजन (Internal Combustion Engine) को चलाने के लिए CNG, LPG, पेट्रोल व डीज़ल जैसे महंगे फ्यूल की आवश्यकता होती है. जानकारी के लिए बाते दें कि  भारत अपनी आवश्यकता का 80 फीसदी कच्चा ऑयल इम्पोर्ट करता है व और जिस तरह शहरों में लगातार पेट्रोल, डीजल, CNG व LPG के वाहन बढ़ रहे हैं उस लिहाज से इसमें इज़ाफा ही होना ही है, जोकि एनर्जी सेफ्टी के लिहाज से अच्छा नहीं है व इनका ज्यादा प्रयोग आगे चलकर बहुत ज्यादा नुकसानदायक साबित होने कि सम्भावना है. इसलिए हमें अब इलेक्ट्रिक वाहनों की आवश्यकता है.

कुछ वर्ष पहले तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जो बैटरी आती थी वो बहुत अच्छी परफॉरमेंस नहीं देती थी, जैसे स्लो चार्जिंग सिस्टम, कम स्पीड, फुल चार्ज में कम दूरी तय करना, लेकिन जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपनाने पर जोर दिया गया, इनमें सुधार आते चले गये व बेहतर टेक्नोलॉजी वाली बैटरियां मार्किट में आने लगीं. नयी बैटरियों की क्षमता बढ़ी है व लागत कम हुई है. उम्मीद जताई जा रही हैं अगले कुछ वर्षों में व भी फास्ट चार्ज होने वाली बैटरी व ज्यादा दूरी करने वाली बैटरियां देखने को मिलेंगी.