सपा-बसपा के गठबंधन के बाद पूरे देश की सियासत में हलचल, बीजेपी ने खेला ये दांव

लोकसभा के चुनावों को देखते हुए सभी पार्टियां पूरी तरह से जोर लगा रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा के गठबंधन के बाद इन दिनों पूरे देश की सियासत में हलचल मची हुई है। लोकसभा चुनावों 2019 के चलते अखिलेश यादव और मायावती का यह गठबंधन बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

चूंकि उत्तर प्रदेश पूरे देश की राजनीति में एक अहम स्थान रखता है इसलिए बीजेपी सपा-बसपा के गठबंधन को यहां दरकिनार नहीं कर सकती है। राजनीतिक के जानकारों की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यूपी में अगर सपा-बसपा का वोटबैंक वाकई में एकसाथ आ गया तो किसी भी राजनीतिक दल की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।

ऐसे में महागठबंधन के इस सियासी पैंतरे से निपटने के लिए बीजेपी भी अपनी रणनीति बनाने में लगी हुई है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सपा-बसपा के गठबंधन को फेल करने के लिए बीजेपी ने अपनी योजना बना ली है।

जिसके तहत इस गतिविधि की मॉनिटरिंग सीधे पीएमओ से की जा रही है। वहीं बीजेपी अपने प्रचार के दौरान विकास के मुद्द पर पूरी तरह फोकस रखने वाली है।

खबरों के मुताबिक, केंद्रीय संचार मंत्री और यूपी के गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा ने कहा कि आज की तारीख में यूपी का किसान रात को आराम से सोता है। क्योंकि, उसे सिंचाई के लिए दिन में ही पर्याप्त बिजली मिल रही है।

बिजली के लिए उसे रात का इंतजार नहीं करना पड़ता है और यह 70 सालों में पहली बार हो रहा है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि किसान आज भी रात को जाग रहा है, क्योंकि आवारा मवेशी उनके फसलों को तबाह कर रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बिजली की आपूर्ति को लेकर खासी सतर्कता बरती जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में चलाई जा रही अन्य सरकारी योजनाओं को लेकर भी बीजेपी इन पर जमीनी स्तर पर उतारने का प्रयास कर रही है। टॉयलट, गरीबों के लिए गैस सिलेंडर जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित कराने के लिए बड़े स्तर पर फंड का वितरण किया जा चुका है।

विगत 8 महीनों में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के अहम योजनाओं को उत्तर प्रदेश में उतारने की जीतोड़ कोशिश की है। खुद मंत्रियों की निगरानी में सभी योजनाओं को जमीन पर लागू कराने का जिम्मा सौंपा गया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा इन्हीं योजनाओं के बल पर सूबे की जनता को रिझाने की तैयारी की जा रही है। अमित शाह विकास के मुद्दे को धार देते हुए यूपी में सपा-बसपा गठबंधन को फेल करने की कोशिश में हैं।