सऊदी अरब यहां से लाता है पीने वाला पानी, नहीं बचे कुए और तलाब, पूरी तरह खत्म हो जाएगा…

सबसे अहम बात कि यहां बारिश तो साल में 2/3 दिन ही होती है और वो भी तूफान के साथ। ऐसे में उस पानी को संचित करना संभव है नहीं और न ही उससे भूमिगत जल के दोहन की भरपाई ही हो पाती है। वास्तव में यहां समुद्र के पानी को पीने लायक बनाया जाता है।

 

वैसे तो समन्दर के पानी में नमक की मात्रा अधिक होती है, इसलिए डिसालिनेशन यानी विलवणीकरण के द्वारा समुद्र के पानी से नमक को अलग किया जाता है और तब जाकर वह पीने लायक बनता है।

सऊदी अरब (Saudi Arab) के पास अब भूमिगत जल थोड़ा बहुत ही बचा है और वो भी बहुत नीचे है, मगर बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ वर्षों में वो भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार पहले यहां पानी के बहुत सारे कुएं थे.

जिनका प्रयोग हजारों वर्षों से होता आ रहा था, लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई, भूमिगत जल का दोहन भी यहां बढ़ता गया। इसका परिणाम ये हुआ कि धीरे-धीरे कुंओं की गहराई बढ़ती गई और कुछ ही वर्षों में कुएं पूरी तरह सूख गए।

देश की सिर्फ 1 % जमीन ही खेती के लायक है और उसमें भी कुछ-कुछ सब्जियां ही उगाईं जाती हैं, क्योंकि धान और गेहूं जैसी फसलें उगाने के लिए उसे भारी मात्रा में पानी की आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि एक बार यहां गेहूं की खेती शुरू की गई थी, मगर पानी की कमी के चलते बाद में उसे ये बंद करनी पड़ी। सऊदी को अपना खाने-पीने का सारा सामान विदेशों से ही खरीदना पड़ता है।

सऊदी अरब (Saudi Arab) जहां की सरजमी रेतीली है। यहां तेल तो भारी मात्रा में है, जिसकी वजह से ये मुस्लिम मुल्क अमीर भी बना है, मगर यहां पानी की भारी कमी है या यूं कहें कि इस देश में पीने लायक पानी है ही नहीं।

यहां न एक भी नदी है, न झील। पानी का कुआं है पर उसमें पानी नहीं है। यहां हीरे जवाहरात तो है, मगर पानी नहीं। तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर सऊदी अरब (Saudi Arab) पीने के लिए पानी कहां से लाता है?