सऊदी अरब में पहली बार हुआ ऐसा, महिलाएं भी उतर आई…, देख चौक गए लोग

सऊदी अरब में पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर होना अपने आप में अद्भुत है. मेरे काम का क्षेत्र घायलों की जिंदगी को बचाना और मरीजों की तकलीफ को दूर करना है. उन्होंने बताया कि अगर परिवार का हौसला और समर्थन नहीं मिलता तो एंबुलेंस सेवा में आना काफी मुश्किल होता.

 

बचपन से ही उन्हें आपातकालनी काम को करने में दिलचस्पी थी. उन्होंने कहा, ‘जब मैं छोटी थी तब पट्टियां बांधी करती थी. जब कोई जख्मी हो जाता तो मैं मदद के लिए बुलाई जाती. इससे मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिलती. मेरे पिता घरेलू डॉक्टर के विचार का समर्थन करते थे.’ सारा रियाद में किंग फहद मेडिकल सिटी में काम करती हैं.

सारा अल अनीजी ने पढ़ाई के दौरान अम्मान में ड्राइविंग सीखा. आठ साल पहले उन्होंने छात्रवृति पर साइंस एंड टेक्नोलोजी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था. उन्होंने अपना ड्राइविंग लाइसेंस जॉर्डन से हासिल किया और सपने को साकार करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया.

सऊदी में पहले तो उन्हें नामंजूरी और हैरानी का सामना करना पड़ा. लेकिन चुनौतियों पर काबू पाते हुए उन्हें सपने को साकार करने का मिल गया. गौरतलब है कि सऊदी अरब में तीन साल पहले तक महिलाओं के लिए गैर कानूनी था.

सऊदी अरब की सरकार ने मुल्क में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा स्वावलंबी बनाने का मिशन जारी रखा है. जिसके चलते कई क्षेत्रों में महिलाओं का इंट्री देखने में आ रही है. पुरुषों के प्रभुत्व वाले एंबुलेंस सेवा में अब महिलाएं भी उतर आई हैं.

सऊदी अरब में सारा अल अनीजी को देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर होने का खिताब मिला है. उन्होंने अरब न्यूज से कहा, ‘ये काम मुश्किल है, इसके लिए मानसिक उपस्थिति की जरूरत होती है. जब आप ड्राइविंग कर रहे होते हैं तो तेजी से फैसले लेने पड़ते हैं.’