एक के बाद एक आठ ब्लास्ट्स से रविवार को श्रीलंका दहल उठा। राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में हुए ब्लास्ट्स में 290 लोगों की मौत हो गई और करीब 500 लोग घायल हो गए।
देश में अब कर्फ्यू लगा दिया गया है। कोलंबो के सेंट एंथोनी चर्च के अलावा नेगोंबो के सेंट सेबेस्चियन चर्च में भी ईस्टर के मौके पर ब्लास्ट हुए।
साल 2009 के बाद श्रीलंका में हुए सबसे बड़े हमले थे। अभी तक किसी भी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तौहीद जमात को हमले के लिए जिम्मेदारा माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार को आधी रात से देश में इमरजेंसी लगाने का ऐलान किया है।
ट्विटर पर तेजी से वायरल हो रही फोटो
हमले के बाद कई फोटोग्राफ और तस्वीरें वायरल होनी शुरू हो गई। इनके सबके बीच जीसस क्राइस्ट की खून से लथपथ एक मूर्ति की फोटो सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर तेजी से वायरल हुई। ये फोटोग्राफ सेंट नेगोंबो चर्च की है और इसे लोग श्रीलंका में शांति खत्म होने का एक प्रतीक करार दे रहे हैं।
लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि यह तस्वीर उस खतरनाक पल का सुबूत है जो 21 अप्रैल को लोगों को ईस्टर के पावन मौके पर देखा है। हमलों में 290 लोगों की मौत हुई है जिसमें से 35 नागरिक विदेशी है।
पांच भारतीय भी हमलों में मारे गए हैं। श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि अभी तक जितने भी नाम सामने आए हैं, वे सभी लोकल हैं। इसके बाद भी यह देखने की जरूरत है कि कहीं कोई विदेशी ताकतें तो इसमें शामिल नहीं थीं।