बिहार के मोकामा स्थित नाजरथ अस्पताल द्वारा संचालित शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने के मामले पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में बोला कि शेल्टर होम से लड़कियां भागी नहीं, भगायी गईं थी। ज्ञात हो कि सात में से छह लड़कियों को दरभंगा से बरामद कर लिया गया है।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बोला कि मामले की जांच करने एसएसपी, आईजी, डीआईजी व एफएसएल की टीम मौके पर गयी थी। सबकी एक ही राय थी कि जिस तरह लड़कियों के खिड़की से भागने की बात कही जा रही है वह सही नहीं लग रहा है। पुलिस अब पूरे मामले की जांच करेगी व दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए समाज कल्याण विभाग को लिखेगी।
ज्ञात हो कि सात में से पांच लड़कियां मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की पीड़िता हैं। इस घटना के सामने आते ही पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था। वहीं, इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहार गवर्नमेंट पर हमला कहा है।
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मुजफ्फरपुर जनबलात्कार कांड में ऐसा कौन शख्स संलिप्त है जिसे बचाने को लेकर बिहार गवर्नमेंट सब संस्थाओं की लताड़ बेशर्मी से चुपचाप सुन रही है। CBI अधिकारियों का तबादला करवा रही है। अपने आप से पूछिए अगर 34 अनाथ बच्चियों की स्थान हमारी अपनी बहन-बेटी होती तो हम सभी ऐसे ही चुप रहते?’
मुज़फ़्फ़रपुर दुष्कर्म कांड की पीड़ित व गवाह लड़कियाँ भागी नहीं थी जैसा मैंने बोला था उन्हें एक साज़िश के तहत भगाने की पटकथा लिखी गयी है ताकि सत्ता शीर्ष पर बैठे सफ़ेदपोशों को बचाया जा सके. कौन है वो बड़ा नेता व ऑफिसर जो लड़कियों के साथ शोषण करता था?
इससे पहले आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने बोला था कि यह लड़कियां भागी नहीं है बल्कि उन्हें भगाया गया है। उन्होंने बोला था कि सात लड़कियों में से 5 लड़कियां मुजफ्फपुर शेल्टर कांड की अहम गवाह थी, इसलिए उन्हें छिपा दिया गया है। साथ ही उन्होंने संभावना जताई की उनकी मर्डर भी हो सकती है।