शराब-सिगरेट का नशा बंद करने के लिये ट्राय करे यह सरल उपाय

देश के करीब 4 प्रतिशत लोगों में शराब, सिगरेट, अफीम, गांजा, भांग, तंबाकू का नशा करने की बुरी आदत है. समय रहते इनपर काबू पाकर शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है. नशा छोड़ने पर आदमी में एंटी क्रेविंग एजेंट (शरीर में बेचैनी, मन अशांत रहना, नींद न आना और व्याकुलता बढ़ना) के लक्षण दिखाई देते हैं. इनके आधार पर दवा दी जाती हैं. नशा छोड़ने के लिए आदमी में मजबूत ख़्वाहिश शक्ति, परेशानियों को सहन करने की ताकत होनी चाहिए. परिवार-दोस्तों का साथ रोगी का मनोबल बढ़ाता है.

ये हैं खास लक्षण-
आमतौर पर नशा छोड़ने पर रोगी को घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, तनाव, थकान, फैसला लेने में परेशानी होना, नींद न आना, सिरदर्द, शरीर में ऐंठन, भूख न लगना, धड़कन बढ़ना  ज्यादा पसीना आने जैसी तकलीफ होती है. लक्षण कम न हों तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें.

इलाज : शराब-सिगरेट का नशा करने वाले जब इन्हें पीना बंद करते हैं तो 24-48 घंटे में बेचैनी और बदन दर्द होता है. नशीले पदार्थों की लत छुड़ाने के लिए निकोटीन से बनी च्वुइंगम, दवा और इंहेलर देते हैं. 6-12 माह तक दवाओं का कोर्स चलता है. आयुर्वेद में मेडिटेशन, योग और प्राणायाम करने की सलाह देते हैं. होम्योपैथी के अनुसार नशे की लत से पाचनतंत्र बेकार होता है. मसालेदार चीजें न खाएं.