गवर्नमेंट वेब चेक-इन से सीट के चयन के लिए यात्रियों से शुल्क लगाने के विमानन कंपनियों के निर्णय की समीक्षा कर रही है। वह यह पता लगा रही है कि इस कदम से मौजूदा नियमों का उल्लंघन होता है या नहीं। हालांकि, नागर विमानन मंत्रालय (डीजीसीए) ने किसी कंपनी के नाम का उल्लेख नहीं किया है।
इंडिगो ने दावा किया है कि “न तो वेब चेक इन नीति में परिवर्तन किया गया है व न ही वेब चेक इन के लिए कोई शुल्क लगाया गया है। ” इससे एक दिन पहले कंपनी ने बोला था कि वेब चेक इन के लिये सभी सीटों पर शुल्क लगाया है। स्पाइसजेट ने सोमवार को एक ग्राहक के सवाल पर बोला कि “वेब चेक इन के माध्यम से सीटों का पहले आवंटन करने पर शुल्क लागू होगा। ”
उधर, नागर विमानन मंत्रालय ने बोला कि वह इस निर्णय की समीक्षा कर रही है। इंडिगो का घरेलू विमानन एरिया के मार्केट में 43 फीसदी भाग है। इंडिगो के इस कदम की सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा आलोचना हो रही है। इस बीच मंत्रालय ने बोला कि वह इसकी समीक्षा करेगी। मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, उसे पता चला है कि विमानन कंपनियां अब सभी सीटों के लिये वेब चेक इन पर शुल्क लगा रही हैं। हम इन शुल्कों की समीक्षा कर रहे हैं व देख रहे हैं कि यह शुल्क अलग-अलग सेवाओं के लिए मूल्य निर्धारण करने की मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप है या नहीं।
जुलाई- सितंबर तिमाही में तीनों सूचीबद्ध विमानन कंपनियों –इंडिगो, स्पाइसजेट व जेट एयरवेज– घाटे में रही हैं। यही वजह है कि कंपनियां कमाई बढ़ाने के नये तरीके ढूंढ रही हैं। वेब चेक-इन के माध्यम से यात्री उड़ान के लिए औनलाइन अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर सकते हैं व खास सीट का चयन कर सकते हैं। सामान्य तौर, इंडिगो यात्री बिना किसी शुल्क के कुछ सीटों को औनलाइन चुन सकते हैं।
रेलवे ने विमान यात्रियों से कहा- आपका हमारे यहां स्वागत है
उधर, रेलवे ने विमानन कंपनी इंडिगो के ‘वेब चेक इन’ पर ग्राहकों से शुल्क वसूलने के निर्णय पर सोमवार को चुटकी ली। रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके कहा, “उड़ान पर वेब-चेक इन के लिए शुल्क क्यों जबकि आप गंतव्य तक पहुंचने के लिये ट्रेन ले सकते हैं। ” यह दूसरा मौका है जब रेलवे ने विमानन कंपनियों से यात्रियों को अपने पाले में लाने का कोशिश किया है।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, “वेब चेकइन के लिये अलावा शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। अपने सामान की जांच के लिए कोई लंबी कतार लगाने की आवश्यकता नहीं है। गैर-जरूरी शुल्क से बचें व किफायती दरों में अच्छे पुराने साथी इंडियन रेलवे के साथ यात्रा करके अपने कार्बन पदचिह्न को कम करें। ”
इंडिगो ने 14 नवंबर से वेब चेक-इन पर शुल्क वसूलना प्रारम्भ कर दिया है। कंपनी के इस कदम की सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा आलोचना हो रही है। उधर, नागर विमानन मंत्रालय ने बोला कि वह इस निर्णय की समीक्षा कर रही है।