वास्तु शास्त्र : घर में नहीं होनी चाहिए ये चीज , वरना आ सकती है निगेटिव ऊर्जा

ऐसे में जब हम कोविड-19 से लड़ते हुए पर्सनल रूप से मनोबल को ऊंचा रखने की प्रयास कर रहे हैं, तब एक कार्य और खास हो जाता है क‍ि हम अपने आसपास से नेगेट‍िव‍िटी को दूर रखें. ऐसे में हम वास्‍तुशास्‍त्र का सहारा ले सकते हैं.

नेगेट‍िव एनर्जी को दूर करने के ल‍िए वास्‍तु में कई तरीका बताये गए हैं. वास्‍तु की जानकार रचना मिश्रा के मुताबिक वास्‍तु के कुछ व‍िशेष तरीकों से हम कोविड-19 की टेंशन को पलभर में दूर कर सकते हैं…

वास्‍तुशास्‍त्र के मुताबिक सबसे जरूरी और खास बात हमारे घर और आसपास की सफाई है और जितना संभव हो उतना इसे व्यवस्थित करना है. ध्‍यान रखें क‍ि धूल और गंदगी या फ‍िर अवांछित चीजें जो उपयोग नहीं की जाती हैं, वे निगेटिव शक्तियां उत्पन्न करती हैं.

भले ही आप शुभ या अशुभ में विश्वास न भी रखते हों, लेकिन आपको इस बात को तो मानना ही पड़ेगा कि दुनिया में निगेटिव और सकारात्मक ऊर्जा होती है, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है. ऐसे में इस निगेटिव ऊर्जा को नियंत्रित करके सकारात्मकता फैलाने के लिए वास्तुशास्त्र में कुछ तरीका बताए गए हैं, माना जाता है कि इसका ध्यान रखने पर आपके घर में सुख-शांति रहने के साथ आर्थिक कठिनाई नहीं आती. अनजाने में हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे निगेटिव ऊर्जा घर में हावी हो जाती है और हमारे जीवन में उथल-पुथल हो जाती है.

यह बात आज हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 2020 का साल हम सभी के लिए मुश्किलों भरा है. कोविड-19 के चलते हमारी लाइफ पर गहरा असर पड़ा है. लाइफ स्टाइल और वर्क स्‍टाइल दोनों ही चेंज हो चुकी हैं.

आये द‍िन आने वाली कोविड-19 की खबरों और महीनों तक घर पर रहने से लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव साफ द‍िख रहा है.वैसे तो वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, भवन अथवा मन्दिर निर्मान करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है.

जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है. वहीं संस्कृत में बोला गया है ‘गृहस्थस्य क्रियास्सर्वा न सिद्धयन्ति गृहं विना.’ दक्षिण हिंदुस्तान में वास्तु का नींव परंपरागत महान साधु मायन को उत्तरदायी माना जाता है और उत्तर हिंदुस्तान में विश्वकर्मा को उत्तरदायी माना जाता है.