लोकसभा 2019 चुनावों में भाग लेगी यह नई पार्टी, 272 सीटों पर ही उतारेगी उम्मीदवार

यह पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में भाग लेगी, लेकिन केवल आधी सीटों यानी 272 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारेगी। इसका एजेंडा स्पष्ट है और इसमें महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे सर्वोपरि होने चाहिए। लेकिन लोकसभा चुनाव ही क्यों? इस पर दल के प्रतिनिधियों ने कहा कि ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सजग हों। वे जाति, धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दों में न बहें, बल्कि अपने अधिकारों की रक्षा करने वाली पार्टी को ही वोट दें।

देश में आधी आबादी महिलाओं की है, फिर भी विधानसभा और लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व महज 11 फीसदी है। उन्हें एक तिहाई आरक्षण के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। महिलाओं में साक्षरता 50 प्रतिशत भी नहीं है, जबकि देश के 86 प्रतिशत पुरुष साक्षर हैं। इस भेदभाव को दूर करने और अपने अधिकारों की प्राप्ति के उद्देश्य से मंगलवार को दिल्ली में एक नए सियासी दल ‘राष्ट्रीय महिला पार्टी’ की नींव रखी जाएगी।

पार्टी की कर्णधार डा. श्वेता शेट्टी कहती हैं कि 73वें संविधान संशोधन के बाद पंचायत चुनावों में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, लेकिन अपने अधिकारों के प्रति सजगता के अभाव में अधिकतर जगह ‘सरपंच पति’ ही अपनी पत्नी की जगह काम कर रहे हैं। विधानसभा और लोकसभा में यह संभव नहीं हो पाएगा।

डा. शेट्टी हैदराबाद की एक मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से एनजीओ तेलंगाना महिला समिति चला रही हैं। इस संगठन के 1.45 लाख सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी 2019 का चुनाव अनुभव के लिए लड़ेगी, लेकिन असली लड़ाई 2024 के चुनाव में होगी। इस दौरान वह संसाधन जुटाने और महिलाओं को अधिकारों के लिए सजग करने के काम करेंगी।

महिलाओं के लिए, महिलाओं द्वारा

राष्ट्रीय महिला पार्टी में महिलाओं को ही जगह मिलेगी और वह केवल महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ेगी। लेकिन कुछ समय बाद उन पुरुषों को लिया जा सकता है, जो महिलाओं के अधिकारों के लिए लंबे समय से लड़ रहे हों।