लिवर सिरोसिस बेहद खतरनाक बीमारी है. समय रहते उपचार नहीं होने पर लिवर कार्य करना बंद कर देता है व स्थिति जानलेवा हो जाती है. इससे बचाव के बारे में विशेषज्ञ से वार्ता के आधार पर जानकारी दे रही हैं निधि गोयल
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, लिवर सिरोसिस के 20 से 50 फीसदी तक मुद्दे शराब के अधिक सेवन के कारण होते हैं. सिरोसिस कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है. गंभीर हो जाने के बाद इसका उपचार लिवर प्रत्यारोपण ही होता है.
लक्षण को पहचानें
थकान महसूस होना : लिवर सिरोसिस में शुरुआती स्तर में आदमी को अनावश्यक थकान महसूस होती है. उसका वजन भी बेवजह कम होने लगता है. पाचन संबंधी समस्याएं सामने आती हैं.
भूख नहीं लगना : दूसरे चरण में आदमी को आकस्मित चक्कर आने लगते हैं व उल्टियां होने लगती हैं. उसे भूख नहीं लगती व बुखार जैसे लक्षण होते हैं.
पेट में सूजन और दर्द होना : इसमें पेट में एक द्रव्य बन जाता है. ऐसा रक्त व द्रव्य में प्रोटीन व एल्बुमिन का स्तर बढ़ जाने के कारण होता है. इस कारण गंभीर सूजन आ जाती है. पेट में दर्द रहने लगता है.
खून आना : तीसरी एवं अंतिम अवस्था में मरीज को उल्टियों के साथ खून आता है व वह बेहोश हो जाता है. इस बीमारी में दवाओं का कोई प्रभाव नहीं होता.
जटिलताओं को समझें
लिवर कैंसर : लिवर सिरोसिस होने से लिवर कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसीलिए चिकित्सक अकसर लिवर सिरोसिस से जूझ रहे मरीजों को बार-बार ब्लड टेस्ट व अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव देते हैं, ताकि कैंसर होने पर वह जल्दी पकड़ में आ जाए.
लिवर सिरोसिस का बढ़ना
’जब पूरा लिवर करीब-करीब सिरोसिस से भर जाता है, तो वह बिल्कुल ही कार्य नहीं करता. इस हालात में लिवर ट्रांसप्लांट ही एक तरीका होता है.
’बेहतर होगा कि आप ऐसे में अपना पूरा ख्याल रखें व स्वस्थ आहार का सेवन करें. अपने खानपान में विटामिन, मिनरल व कैल्शियम के बीच ठीक तालमेल बिठाएं.
लिवर की समस्याएं
आमतौर पर लिवर से संबंधित तीन समस्याएं- फैटी लिवर, हेपेटाइटिस व सिरोसिस सबसे अधिक होती हैं. फैटी लिवर में वसा की बूंदें लिवर में जमा होकर उसकी कार्यप्रणाली को बाधा पहुंचाती हैं. हेपेटाइटिस में लिवर में सूजन आ जाती है. सिरोसिस में कई समस्याओं के लक्षण एक साथ देखने को मिलते हैं.
लिवर सिरोसिस के कारण
’शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन.
’हेपेटाइटिस बी व वायरल सी का संक्रमण.
’मोटापा व डायबिटीज.
(गैस्ट्रोलॉजिस्ट मोनिका जैन से की गई वार्ता पर आधारित)