हनुमा विहारी ने लगाया अपने कार्रिएर का पहला टेस्ट शतक

जमैका टेस्ट में हैट्रिक लेकर भले ही जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन उनके साथ-साथ खिलाड़ी है जो वाहवाही का हकदार है, उसका नाम है हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने जमैका टेस्ट के दूसरे दिन अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया हनुमा विहारी ने सबाइना पार्क की कठिन पिच पर 226 गेंदों में 111 रनों की पारी खेली उनके बल्ले से 16 बेहतरीन चौके निकले शतक लगाने के बाद हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने ऐसा बयान दिया जिसने सभी फैंस को इमोशनल कर दिया हनुमा विहारी ने अपनी पहली सेंचुरी अपने पिता को समर्पित की बता दें हनुमा विहारी जब महज 12 वर्ष के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था हनुमा विहारी को उनकी मां ने पाला  अपनी मेहनत के दम पर बेटे को टीम इंडिया का बड़ा स्टार भी बनाया

हनुमा विहारी ने पिता को समर्पित की सेंचुरी
हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने पहला टेस्ट शतक ठोकने के बाद कहा, ‘जब मेरी आयु 12 वर्ष थी तब मेरे पिता का निधन हो गया था मैंने तभी निर्णय कर लिया था कि जब मैं इंटरनेशनल क्रिकेट खेलूंगा  शतक लगाऊंगा तो उन्हें ही अपना पहला शतक समर्पित करूंगा आज मेरे लिए बहुत भावुक दिन है  मुझे उम्मीद है कि वो जहां भी होंगे उन्हें मुझपर नाज होगा ‘

हनुमा विहारी को नहीं आ रही थी नींद
हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने बताया कि पहले दिन जब वो 42 रन बनाकर नाबाद पैवेलियन लौटे थे तो उन्हें नींद नहीं आई थी वो रातभर यही सोच रहे थे कि शतक कैसे लगा सकते हैं हनुमा विहारी ने कहा, ‘जब मैं 42 रन बनाकर वापस लौटा तो मुझे रातभर नींद ही नहीं आई मैं यही सोच रहा था कि कैसे बड़ा स्कोर बनाऊं मैं बहुत खुश हूं कि मैं शतक लगा सका  इसका श्रेय इशांत (Ishant Sharma) को भी जाता है कठिन दशा में शतक लगाकर मैं बहुत खुश हूं  इसने मुझे संतुष्टी दी है ‘