लालू यादव को अब करना होगा ये काम, 11 दिसंबर को होगी सुनवाई

वैसे भी लालू यादव को जितनी सजा दी गई है। किसी में भी एक साथ सजा चलाने का आदेश नहीं दिया गया है। इस कारण लालू यादव दुमका कोषागर मामले में एक दिन भी सजा नहीं काटे है। इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज कर देने की बात कही गई है।

वहीं, दुमका मामले में सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल करते हुए लालू यादव को जमानत नहीं देने का आग्रह हाईकोर्ट से किया है। सीबीआई की ओर से कहा गया है कि दुमका कोषागार मामले में लालू को दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा सुनायी गई है। सीबीआई कोर्ट ने दोनों मामले में सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण दोनों सजा अलग-अलग काटनी होगी।

आपको बता दें कि दुमका मामले में लालू यादव को 7 साल की सजा हुई थी। लालू प्रसाद यादव के वकील ने सजा की आधी अवधि पूरी हो जाने को आधार बनाते हुए जमानत अर्जी दाखिल की।

लालू यादव को चारा घोटाला के 3 मामलों में जमानत मिल चुकी है। लेकिन अब मामला दुमका कोषागार से अवैध रूप से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है। अगर लालू यादव को दुमका कोषागार से 139 करोड़ रुपये के अवैध निकासी के मामले में बेल मिल जाती है तो उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में लालू यादव सुर्खियों में बने हुए हैं। भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया कि लालू यादव ने जेल से भाजपा विधायक को फोन कर लालच दिया, इस मामले में अब एफआईआर भी दर्ज हुई है। इसी के बाद लालू यादव को रांची में बंगले से वापस अस्पताल भेजा गया था।

साथ ही बीमारी का हवाला दिया गया। इससे पहले लालू को चारा घोटाला से जुड़े चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) को जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा। दुमका कोषागार मामले (Dumka Treasury Case) में लालू यादव की ओर से जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी, उसपर सुनवाई टल गई है।

अब झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में 11 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले भी लालू यादव को जमानत के लिए अदालत से निराशा ही हाथ लगी थी।