लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी, स्वभाव है बेहद सरल

लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) का स्वभाव बेहद सरल है। पिथौरागढ़ जिले के तुंडी गांव के एक साधारण से परिवार से निकलकर मुख्यमंत्री तक का सफर उतना आसान भी नहीं रहा है।

बेटा दूसरी बार सीएम बनने जा रहा है तो मां की आंखों में खुशी के आंसू हैं। पत्नी भी भावुक नजर आ रही हैं। परिवार में जश्न का माहौल है तो गांव में भी उत्सव। जब बीजेपी हाईकमान ने उनके नाम पर मुहर लगाई तो घर पर उनका फूल बरसाकर, आरती उतारकर स्वागत किया गया। धामी मां के लाडले हैं। पत्नी कदम-कदम पर उनका साथ निभाती हैं।

पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के तुंडी गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पैतृक गांव का नाम हरखोला है, जो इसी जिले में आता है। तुंडी में ही पांचवी तक की पढ़ाई के बाद उनका परिवार खटीमा विधानसभा के नगला तराई भाबर चला आया। उनके पिता सेना में सूबेदार थे।

धामी बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं। उनकी फैमिली में मां-पत्नी और बच्चे हैं। उनकी पत्नी का नाम गीता धामी। उनके दो बच्चे हैं, जिनका नाम दिवाकर और प्रभाकर धामी है। मां बेटे से दुलार-प्यार करती हैं। धामी भी समय निकालकर उनके पास जाते हैं और खूब बातें करते हैं।

गीता से उनकी शादी 28 जनवरी 2011 को हुई। गीता धामी गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, खटीमा से अपनी स्कूली पढ़ाई की है। हेमवती नंदन बगुगुणा गवर्नमेंट कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। कई बड़े अवसरों पर पति-पत्नी साथ दिखाई देते हैं।

पत्नी गीता अपना ज्यादातर समय सोशल वर्क में बिताती हैं। कहा जाता है कि सीएम से ज्यादा उनकी पत्नी उनके खटीमा विधानसभा क्षेत्र में जाती हैं। लोगों की समस्याएं सुनती हैं और उनका हल निकालती हैं। वह पति की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती हैं।

गीता धामी पति के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, ईष्ट देव, भगवान केदारनाथ के आर्शीवाद से उन्हें प्रदेश का नेतृत्व मिला है। मुझे विश्वास है कि वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी करेंगे।

पुष्कर सिंह धामी अपनी नियमित दिनचर्या को काफी फॉलो करते हैं। राजनैतिक व्यस्तता के बावजूद भी वे हर दिन सुबह-शाम पूजा-अर्चना करना नहीं छोड़ते हैं। पत्नी भी हर कदम पर उनके साथ-साथ रहती हैं।

सीएम के नाम के ऐलान के बाद जब पुष्कर सिंह अपने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो उनकी मां और पत्नी बेसब्री से उनकी राह देख रही थीं। जैसे ही वह घर पहुंचे तो मां और पत्नी और वहां मौजूद रिश्तेदारों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया।

मां ने बेटे को तिलक लगाया आरती उतारी और अपने हाथों से बनाई हुई खीर खिलाई। इस दौरान मां बेटे का माथा चूमती भी दिखाई दी। पुष्कर ने भी मां का पैर छूकर आशीर्वाद लिया और गले लगाकर प्यार-दुलार किया।