राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने चीन को दी ये बड़ी चुनौती, शुरू हो सकता है युद्ध

अमेरिकी सेना ने कहा है कि उनके युद्धपोत समूह साउथ चाइना सी में रूटीन ऑपरेशन के लिए हैं ताकि सागर में आजादी सुनिश्चित रहे। स्ट्राइक ग्रुप के कमांडर डौग वेरिसिमो ने कहा, ”30 साल के करियर में इन समुद्रों में नौवहन के बाद दोबारा साउथ चाइना सी में आकर अच्छा लगा।

हम रूटीन ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं ताकि सागर की आजादी सुनिश्चत रहे और सहयोगियों और भागीदारों को आश्वस्त कर सकें।” अमेरिका ने ताइवान पर चीनी सेना के दबाव को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार की डराने-धमकाने की रणनीति क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है।

अमेरिकी सेना ने रविवार को कहा कि चीन और ताइवान के बीच बढ़े तनाव ने वॉशिंगटन में चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में यूएसएस थीयोडोर रूजवेल्ट की अगुआई में विमानवाहक युद्धपोतों के समूह ने नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चत करने के लिए दक्षिण चीन सागर में प्रवेश किया है।

अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा कि युद्धपोत शनिवार को साउथ चाइना सी में पहुंचे हैं। यह ठीक उसी दिन हुआ है जब ताइवान ने कहा कि बड़ी संख्या में चीन के बॉम्बर्स और फाइटर जेट्स ने इसके एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में घुसपैठ की।

अमेरिका के साथ ताइवान की दोस्ती चीन की आंखों में रड़क रही है। ताइवान को स्पोर्ट करने के बाद चीन की अमेरिका के तल्खी और बढ़ गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काल में चल रहे तनाव का बदला लेने के लिए चीन ने ट्रंप की विदाई का फायदा उठाया और ताइवान पर दबाव बेहद बढ़ा दिया।

अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन भी चीन की दगाबाजियों को समझ गए हैं और ट्रंप के विदा होते ही उन्होंने उनके जैसे तल्ख तेवर अपनाते हुए दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी युद्धपोतों को तैनात करके ड्रैगन को सीधी चुनौती दे दी है।