राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहीं ये बातें

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति कोविंद बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों को संबोधित कर रहे हैं। गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा, मेरी सरकार ने ऐसे प्रयास किए हैं जिनके जरिए लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने की कोशिश की गई है। दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों को सामने रखकर मेरी सरकार ने असंख्य लोगों के जीवन को सुधारने के प्रति काम किए गए हैं।

इस दौरान राष्ट्रपति ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश 2014 लोकसभा चुनावों से पहले अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था, लेकिन चुनाव के बाद मेरी सरकार ने ‘नया भारत’ बनाने का संकल्प लिया। पिछले साढ़े चार साल में मेरी सरकार ने लोगों को नयी आशा और विश्वास दिया है, तथा देश का सम्मान बढ़ाया है।

बता दें कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है।

– मेरी सरकार ने 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एम.एस.पी. को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके साथ ही किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

– मैं पूरे सदन की ओर से भारत के अन्नदाता किसानों का अभिनंदन करता हूं। मेरी सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए दिन-रात प्रयत्नशील है। किसानों की हर जरूरत को समझते हुए, उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है।

– जनधन योजना की वजह से आज देश में 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। आज जनधन खातों में जमा 88 हजार करोड़ रुपये इस बात के गवाह हैं कि कैसे इन खातों ने बचत करने का तरीका बदल दिया है। जनधन खातों से बिचौलियो की भूमिका खत्म हुई है।

– जन धन योजना के तहत, 34 करोड़ लोगों ने एक बैंक खाता खोला है और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग प्रणाली से जुड़ गया है। एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार, 2014-2017 के बीच खोले गए कुल बैंक खातों में से 55% भारत में ही है।

– वर्ष 2014 से पहले जहां 3.8 करोड़ लोगों ने अपना रिटर्न फाइल किया था, वहीं अब 6.8 करोड़ से ज्यादा लोग आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आगे आए हैं। आज करदाता को यह विश्वास है कि उसका एक-एक पैसा राष्ट्र-निर्माण में ईमानदारी के साथ खर्च किया जा रहा है। ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ का विस्तार करने से पिछले साढ़े चार वर्ष में 6 लाख 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लाभार्थियों तक पहुंची है। इस वजह से अब लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।