उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को सांसद-विधायक स्पेशल कोर्ट प्रयागराज में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके उपर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े 2 मामलों सहित 10 साल पुराने दुर्गा पूजा पांडाल समिति में हुए विवाद मामले में केस दर्ज है। डिप्टी सीएम मौर्य पर आरोप है कि उनके नेतृत्व में समिति के लोगों ने धर्म के नाम पर धनउगाही और उसका दुरूपयोग किया गया। इसके साथ ही चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने के दोष में उनके खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
इसी तरह के कई मामले को आरोपी बनाये गये उपमुयमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के वकील ने बिना हाजिर हुए ही जमानत अर्जी मंजूर किये जाने की वकालत स्पेशल कोर्ट में एक सप्ताह पूर्व की। जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्हें कोर्ट के समक्ष शुक्रवार को आत्म समर्पण करना पड़ा।
तत्पश्चात उनके अधिवक्ता ने जमानत अर्जी दाखिल की। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उन्हें जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। इन दोनों ही केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट कर रही है, जिसका गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया था।गौरतलब है कि कौशाम्बी के मोहब्बतपुर पइंसा थाने में 22 सितम्बर 2007 में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके अलावा धूमनगंज थाने में आचार संहिता उल्लंघन का भी मुकदमा था। एक अन्य मुकदमे में भी उन्हें जमानत मिली है।
न्याय व्यवस्था का सम्मान करते हैं ः केशव
जमानत के बाद केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि वे न्याय व्यवस्था का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं। ऐसे में राजनैतिक व्यक्तियों पर मुकदमे दर्ज होते हैं। मुकदमों में जमानत न होने के चलते कोर्ट में हाजिर हुआ।