भारतीय सेना ने युद्ध के दौरान दुश्मन को कड़ी टक्कर देने और उसे मात देने के मकसद से पाकिस्तान से सटे बॉर्डर्स पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (आईबीजी) को संगठित कर रही है। इन ग्रुप को इस तरह से हथियारों और बाकी सामानों से लैस किया जाएगा कि युद्ध के दौरान स्ट्राइक कोर के बॉर्डर तक पहुंचने तक यह सेना को जवाब देती रही। अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इस ग्रुप में आर्टिलरी से लेकर मैकेनाइज्ड इंफ्रेट्री, आर्मर, सिग्नल्स और एयर सपोर्ट जैसे सेना के कई अहम हिस्सों को शामिल किया जाएगा।
जल्द मिलेगी प्रस्ताव को हरी झंडी
अखबार ने लिखा है कि आईबीजी सेना के कमांडर्स के सामने एक अहम मुद्दा है जो नई दिल्ली में मुलाकात कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इस अधिकारी ने बताया है, ‘प्रस्ताव को हरी झंडी जल्द ही मिल सकती है।’ इंटीग्रेटे बैटल ग्रुप कई मायनों में बहुत सी चीजों को बदल देंगे। एक अधिकारी की ओर दी गई जानकारी के मुताबिक आईबीजी एक विशेष युद्ध मैदान के तहत सेना की क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा। पिछले कई वर्षों की कोशिशों के बाद भी सेना की स्ट्राइक कोर बॉर्डर तक सही समय पर नहीं पहुंच पाती है।
होगी एक संगठित यूनिट
वर्तमान समय में हर कोर में कम से कम तीन डिविजन होती हैं और इनमें तीन ब्रिगेड होती हैं। ब्रिगेड के तहत कम से कम तीन रेजीमेंट्स आती हैं और हर रेजीमेंट में कम से कम 800 जवान होते हैं। इन जवानों पर ही युद्ध के समय ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी होती है। किसी भी संकट के समय ब्रिगेड्स को एयर, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, आर्मर, आर्टिलरी और ऐसे कई तत्वों के साथ सामंजस्य करना होता है। एक बार आईबीजी के एक्शन में आ जाने के बाद इसकी जरूरत नहीं होगी क्योंकि वह पूरी तरह से एक ऑर्गनाइज्ड फाइटिंग यूनिट होगी। हालांकि आईबीजी पूरी तरह से सेना के वर्तमान ढांचे की जगह नहीं लेगी। इस सिर्फ स्थितियों के मुताबिक ही तैनात किया जाएगा।
साल 2011 में भी हुई थी चर्चा
साल 2011 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आईबीजी को आठ लोकेशंस पर तैनात किया जाएगा जो पाकिस्तान बॉर्डर के करीब होंगी। उस समय रिपोर्ट में कहा गया था कि ग्रुप को पंजाब के अमृतसर, मोगा और राजस्थान के सूरतगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और पलानपुर में तैनात किया जाएगा। कहा जा रहा है कि सेना का यह इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप दुश्मन के लिए नई चुनौती होगा।