मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार आज नशे के खिलाफ हरिद्वार में हुई एक बैठक

उत्तराखंड के युवाओं में बढ़ रहे नशे को लेकर और मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार आज नशे के खिलाफ हरिद्वार स्थित विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया यह बैठक ‘संकल्प नशा मुक्त देवभूमि’ अभियान हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में सचिव राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता में किया गया.

जहां इस बैठक में पैनल अधिवक्तागण एनजीओ पीएलवी और हरिद्वार में संचालित नशा मुक्ति केंद्र के प्रतिनिधियों ने की शिरकत वही नशे के खिलाफ इस अभियान में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है.

खबरों के मुताबिक हरिद्वार पहुचे सचिव उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा आयोग डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि आज हरिद्वार में पैनल आईएएस पीएलवी स्थानीय एनजीओ अधिवक्ता गणों के साथ संकल्प नशा मुक्ति उत्तराखंड के विषय में बैठक का आयोजन किया गया है.

जहां 28 सितंबर को माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा हरिद्वार में इस स्कीम का शुभारंभ भी किया जाएगा लेकिन इस स्कीम के तहत अलग से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है इसके अलावा आयोग ने काउंसलिंग कमेटी का भी गठन किया है.

इनका यह भी कहना है कि नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के लिए एक सर्वे किया गया था जिसमें बात सामने आई है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग नशा करते हैं यह लोग नशे की तरफ दोबारा ना जाए उसके लिए योजना तैयार की जा रही है.

जहां इस कार्य में नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से भी 25 प्रतिशत लोगों के केस में दान किया जाएगा इस योजना के अंतर्गत हर जिले के हेड क्वार्टर और तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है अभियान के तहत नशा करने वाले और नशा बेचने वाले दोनों ही तरह के लोगों को पकड़ा जाएगा.

दरअसल उत्तराखंड में पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है और पूरे राज्य के हर जिले में देखा जा सकता है कि नशे के सौदागर द्वारा बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से अपनी दुकानें चलाई जा रही हैं और उत्तराखंड के युवा लगातार नशे की जद में फंसते जा रहे हैं.

यही वजह है कि माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इसके लिए निर्देश देने पड़े हैं और एक नए अभियान की शुरुआत की गई है अब देखना होगा कि यह अभियान उत्तराखंड में नशे के खिलाफ कितना कारगर साबित होताा है.