मात्र 6 दिन बाद इस खास वजह से पाकिस्तान हो सकता है ब्लैकलिस्ट, जानिये क्या है मामला

जैश—ए—मोहम्मद और लश्कर—ए—तयब्बा जैसे आंतकी संगठनो पर एक्शन न लेने में नाकाम रहा पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स व्दारा ब्लैकलिस्ट हो सकता है। आंतकी संगठनो पर समुचित कार्यवाही न करने की वजह से पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में पहले ही डाल चुका है।

इसके बाद पाकिस्तान को जैश और लश्कर पर कार्यवाही करने का वक्त दिया था और उसे 27 एक्शन प्लान बताये गये थे।इस मामले के फैसले से पहले पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 6 दिन का वक्त बचा ​है।

FATF दुनिया भर में आंतकी संगठनो को दी जाने वाली वितीय मदद पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है।एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को बताया कि जिन 27 एक्शन प्लान पर उसे काम करने के लिये कहा गया था,उसमें से 18 प्लान पर उसका एक्शन संतोषजनक नही है।एशिया पैसिफिक ग्रुप मनी लॉड्रिग,टेरर फाइनेंसिग और जन सहांर करने वाले हथियारो की खरीद के लिए होने वाली वितीय लेन देन को रोकने वाली एक संस्था है।इस संस्था की रिपोर्ट के आधार पर FATFसंस्था कार्यवाही करती है।

FATF की अगली बैठक ओरलैंडा में 16 से 21 जून के बीच होने वाली है,यहां पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि FATF की ग्रे लिस्ट में पहले से जा चुके पाकिस्तान को इस लिस्ट से बाहर होने के लिये FATF के 36 सदस्यों में से 15 सदस्यों का वोट चाहिए।जबकि ब्लैकलिस्ट होने से रोकने के लिये कम से कम 3 सदस्यों का वोट चाहिए।ओरलैंडा में होने वाली बैठक में भले ही पाकिस्तान पर की जाने वाली कार्यवाही पर भले ही मुहर लग जाये,लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा पेरिस में अक्टूंबर में होने वाली FATF की बैठक में की जायेगी और यह बैठक 18 से 23 अक्टूंबर के बीच होने वाली है।