महिलाओं और लडकियों को जरुर ऐसे चेक करना चाहिए अपने दोनों स्तन, अन्य देशों की तुलना में भारत…

औरतों में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर एक बहुत ही ख़तरनाक बीमारी है। अन्य देशों की तुलना में भारत में बहुत तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। भारत में आज हर २० में से एक औरत, ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही है। वक़्त रहते ही अगर ब्रेस्ट कैंसर का पता नहीं चल पाया तो इसका इलाज मुश्किल हो जाता है और फिर इंसान की मौत भी हो सकती है।

अगर ब्रेस्ट कैंसर का पता पहले ही चल जाता है (early stages of cancer) तो इसके इलाज के रूप में संपूर्ण स्तन को निकालने की आव्यशक्ता नहीं होती है। और अगर बीमारी का पता देरी से चलता है तो इस अवस्था में पूरे स्तन को ऑपरेशन करके निकाल दिया जाता है। महिलाओं को एक उम्र के बाद, समय समय पर अपने ब्रेस्ट का चेक-अप करवाते रहना चाहिए।

अपने ब्रेस्ट का चेक-अप महिलाएँ ख़ुद से भी कर सकती है बस उन्हें स्तन कैंसर के लक्षणों को जानना होगा। इन लक्षणों अगर आपमें दिख रहें है तो तुरंत ही डॉक्टर का सम्पर्क कीजिए।

स्तन कैंसर के कारण –
स्तन कैंसर कोशिकाओं के DNA में एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है। ज़्यादातर स्तन कैन्सर ५० वर्ष से अधिक उम्र के महिलाओं में देखने मिलता है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है की क्यों कुछ महिलाओं को स्तन कैंसर होता है और कुछ महिलाओं को नहीं। कुछ स्तन कैंसर के जोखिमों को रोका जा सकता है।

निम्नलिखित कुछ प्रमुख स्तन कैंसर के जोखिम कारक है –

उम्र

बढ़ती उम्र वाली महिलाओं में स्तन कैंसर के विकास होने का ख़तरा रहता है। ४० साल की उम्र के बाद जोखिम बढ़ना शुरू होता जाता है। हालाँकि आज कल कम उम्र की युवतियों में ब्रैस्ट कैंसर पाया जा रहा है।

होर्मोंस (Hormones)

मासिक का प्रारम्भ अगर १२ वर्ष की उम्र से पहले शुरू हो जाना, और देर से मेनोपॉज़ (मासिक का बंध होना ) – 40 के बाद महिलाओं को स्तन कैंसर होने का अधिक ख़तरा होता है। शोधकर्ताओं का मानना है की महिला होरमोन एस्ट्रोजेन (estrogen) के लिए उनका लम्बा जोखिम एक कारण हो सकता है, क्योंकि एस्ट्रोजेन स्तन की कोशिकाओं के विकास को उत्तेजित करता है।

अधिक वज़न

मेनोपॉज़ (मासिक का बंध होना ) के बाद अधिक वज़न या मोटापे से झुंझ रही महिलाओं को स्तन कैंसर होने की अधिक संभावना होती है। सटीक कारण तो पता नहीं है, लेकिन मेनोपॉज़ के बाद चर्बी की कोशिकाएँ (fat cells) द्वारा उत्पादित एस्ट्रोजेन के उच्च स्तर के कारण हो सकता है। अधिक वज़न होने से रक्त में इंसुलिन (insulin) के स्तर में भी वृद्धि होती है, जो स्तन कैंसर के ख़तरे को प्रभावित कर सकती है।

शराब का अधिक सेवन

अध्ययनों से पता चलता है कि जो महिला दिन में दो या अधिक बार शराब पीते है, उन्मे स्तन कैंसर की संभावना होती है। अधिक शराब सेवन से अन्य कैंसर के जोखिम भी बढ़ सकते है।

विकिरण

यदि बचपन, युवा या वयस्क रूप में आपके शरीर पे विकिरण से कोई ट्रीटमेंट हुई हो, तो उससे भी स्तन कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है।

स्तन कैंसर के लक्षण –
अगर ध्यान दिया जाए तो ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण को सही समय रहते पहचाना जा सकता है। चलिए जानते है स्तन कैंसर के लक्षणों को जिसे आप आसानी से पकड़ सकते है, और यह लक्षण अपने शरीर पर पाए जाने पर डॉक्टर की मदद ले सकतें है।

स्तन में दर्द या गाँठ –

आप को यह जानकर आश्चर्य होगा की ब्रेस्ट में गाँठ पड़ना ब्रेस्ट कैंसर का सबसे शुरुआती लक्षण है। किसी भी महिला को अगर ज़रा- सी गाँठ भी महसूस हो तो उन्हें फ़ौरन ही डॉक्टर से चेक-अप करवाना चाहिए। कभी कभी गाँठ में दर्द न होने के कारण महिलाओं को उसका पता नहीं लगता। इसलिए इसे दबा कर चेक करते रहना चाहिए।

स्तन के आकार या रंग में बदलाव

अगर आपको ये लगे की आपका ब्रेस्ट असामान्य तरीक़े से बढ़ रहा है या फिर इसके आकार में अचानक से कोई बदलाव नज़र आए तो ये भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है।

स्तन में दर्द होना

कई महिलाओं को मासिक चक्र के पहले या उसके दौरान स्तन में पीड़ा होना आम बात है। लेकिन यह पीड़ा जब हर वक़्त महसूस हो तो ये ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। अतः स्तन में इस तरह के लक्षण दिखते ही इसे अनदेखा न करके अपने डॉक्टर से सम्पर्क कर उनकी सलाह ले।

नीपल का लाल पड़ना

अगर अचानक से बिना किसी कारण के आपके निपल के रंग में बदलाव दिखे और लाल पड़ता दिखायी दे तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है।

नीपल से खून आना

नीपल से खून का आना भी ब्रेस्ट कैंसर का ही लक्षण है। अतः इसके देखते ही इसे नज़रंदाज ना करके फ़ौरन ही अपने किसी नज़दीकी डॉक्टर को मिले।