भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार सत्ता में आई थी। अब उन्हीं के मंत्री रिश्वतखोरी के आरोप में फंस गए हैं। दरअसल योगी सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिव एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में काम करवाने के एवज में पैसे की मांग करते हुए दिखाई दिए हैं। इनमें खनन राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव शामिल हैं। ये स्टिंग ऑपरेशन एबीवीपी न्यूज चैनल ने किया है।

स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद सचिवालय प्रशासन के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने तीनों निजी सचिव के खिलाफ जांच के आदेश दे दिया। उन्होंने कहा है कि सरकार मामले की जांच करवाएगी, दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

वहीं स्टिंग को लेकर समाजवादी पार्टी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन में तीन मंत्रियों के निजी सचिवों द्वारा घूस की डीलिंग करना समूची बीजेपी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत है। आरोपों की जांच पूरी होने से पहले सीएम और आरोपी मंत्रियों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।

बता दें कि बुधवार को प्रसारित किए गए स्टिंग में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को अलग-अलग काम करवाने के एवज में पैसे का ऑफर लेते दिखाया गया है।

इस स्टिंग में एक बेसिक शिक्षा अधिकारी का ट्रांसफर करवाने के लिए ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप ट्रांसफर का रेट बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 से 40 लाख में ट्रांसफर हो जाएगा। वहीं खनन मंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी खनन डीलिंग करते हुए कैद हुए। एसपी त्रिपाठी ने कहा कि आपकी पैसा लगाने वाली पार्टी अच्छी होनी चाहिए बाकी कोई दिक्कत नहीं, इधर तो पैसा बहुत है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी भी डील करते हुए दिखाई दे रहे हैं।