भारत में आया सुपर कंप्यूटर डीजीएक्स-2, जानिए ये है खासियत

मानवनिर्मित मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में संसार का सबसे तेज  शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर डीजीएक्स-2 की हिंदुस्तान में एंट्री हो चुकी है

इस सुपर कंप्यूटर को हिंदुस्तान में लाने का श्रेय को है, जिसने एक डील के तहत यह सुपर कंप्यूटर मंगवाया है इस सुपर कंप्यूटर के आने के बाद देश में एआई प्रशिक्षण गतिविधियों को समझने  संचालित करने में तेज़ी आने की उम्मीद है

ये हैं इस सुपर कंप्यूटर की खासियतें
आईआईटी जोधपुर में कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ गौरव हरित ने एक खबर एजेंसी को बताया कि यह अपनी तरह का संसार का सबसे तेज़  आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) एप्लीकेशंस वाला ताकतवर सुपर कंप्यूटर है यह हिंदुस्तान में पहली बार आया है इस सुपर कंप्यूटर को यहां एक विशेष लैब में इंस्टॉल किया गया है डॉ हरित ने इस सुपर कंप्यूटर की खासियतों के बारे में भी बताया

– 2.50 करोड़ रुपये की लागत वाले इस कंप्यूटर में 16 विशेष जीपीयू कार्ड लगे हैं
– प्रत्येक जीपीयू कार्ड की क्षमता 32 जीबी की है

– रैम 512 जीबी की है

– किसी आम कंप्यूटर की क्षमता केवल 150 से 200 वाट होती है जबकि इस सुपर कंप्यूटर की क्षमता 10 किलोवाट है
– डीजीएक्स-1 जिस कार्य के लिए 15 दिन का समय लेता है, डीजीएक्स-2 सिर्फ डेढ़ दिन लेगा

बेंगलूरु के डीजीएक्स-1 के मुकाबले दोगुनी क्षमता
इस सुपर कंप्यूटर से एआई के बड़े एप्लीकेशन के प्रशिक्षण में मदद मिल सकेगी विशेषज्ञों की मानें तो हर कंप्यूटर कार्यक्रम डेटा विश्लेषण पर आधारित होता है  इस सुपर कंप्यूटर में यह विश्लेषण तुलनात्मक रूप से बहुत तेज़ होगा कंप्यूटर में 32 जीबी क्षमता (प्रत्येक) के 16जीपीयू कार्ड लगे हैं, जिससे इसका प्रदर्शन कई गुना बढ़ जाता है देश में इस समय आईआईएससी बेंगलुरू सहित कुछ संस्थानों में डीजीएक्स-1 सुपर कंप्यूटर है लेकिन डीजीएक्स-2 सुपर कंप्यूटर देश में पहली बार आया है, जो पिछले वर्जन से दोगुनी क्षमता वाला है इस सुपर कंप्यूटर का वज़न लगभग डेढ़ क्विंटल है  आंतरिक भंडारण क्षमता 30 टीबी की है यह सुपर कंप्यूटर दो वर्ष के उस समझौते के तहत लाया गया है, जो अमेरिकी सुपर कंप्यूटर कंपनी एनविडिया के साथ आईआईटी जोधपुर ने एआई क्षेत्र में अनुसंधान के लिए किया है

मार्च में हुई इस सुपर कंप्यूटर की ओपनिंग
एनविडिया के सह निर्माणकर्ता  सीईओ जेनसेन हुआंग ने इसी वर्ष मार्च में इस सुपर कंप्यूटर के ओपनिंग प्रोग्राम में डीजीएक्स 2 को असेंबल करने की प्रक्रियाएं समझाते हुए बोलाथा कि इसमें लैटेस्ट टेस्ला जीपीयू एक्सलरेटर्स का प्रयोग किया गया है  तमाम तकनीक के चलते इसकी मूल्य डेढ़ मिलियन डॉलर होगी यह मूल्य सुनकर सभी दर्शक दंग रह गए थे लेकिन बाद में इस सुपर कंप्यूटर की खास बातें जानने के बाद विशेषज्ञों ने इस मूल्य को जायज़ करार भी दिया था

और ये हैं संसार के 5 सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर
टॉप 500 प्रोजेक्ट समय समय पर संसार के सबसे तेज़ कंप्यूटरों के सिलसिले में रैंकिंग जारी करता है  साथ ही इनके बारे में तमाम तकनीकी जानकारियां भी इस रैंकिंग के आधार पर संसार के पांच सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर कौन से हैं  क्या कार्य करते हैं, जानिए

– पिज़ डैंट : स्विटज़रलैंड के एल्प्स स्थित एक पहाड़ के नाम पर इस सुपर कंप्यूटर का नाम है, जो 2013 से यूरोप का सबसे तेज़ कंप्यूटर रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हुए अपडेट्स के बाद यह संसार के सुपर कंप्यूटरों की रैंकिंग में पांचवे नंबर पर आया इस सुपर कंप्यूटर का प्रयोग मस्तिष्क की याददाश्त संबंधी खोजों  ग्लोबल क्लाईमेट संबंधी शोधों में किया जा रहा है
– टायनेह 2 : चीन के इस सुपर कंंप्यूटर के नाम का मतलब आकाशगंगा है चाइना राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जरूरी कामों में इस सुपर कंप्यूटर का प्रयोग करता है, जिसके बारे में बहुत कुछ गोपनीय रखा जाता है हालांकि, इस सुपर कंप्यूटर की रैंकिंग दूसरे से चौथे नंबर पर आ गई है