लद्दाख में महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए शुरू हुआ ये, भारी संख्या में सैनिकों को…

इसी तरह अमेरिकी विशेषज्ञ एसले टेलिस ने का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने इस संकट में भारत का बहुत पारदर्शी तौर पर समर्थन किया है। ऐसे में स्थित रूप से चीन का व्यापक पैमाने पर सामना करने के अवसरों से प्रेरित है, उन्होंने आगे कहा कि चीनी आक्रमण इतना जबरदस्त रहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका स्टैंडबाय पर नहीं खड़ा हो सका और ना ही वह इसे अनदेखा कर सकता है।

 

द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अखबार के मुताबिक सीमा संघर्ष भारत को एक समूह में प्रक्रिया के लिए प्रेरित कर रहा है, अखबार में कहा गया है कि भारत में जहाजों के निर्माण के दौरान अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास तेज कर रहा है। इसके अलावा तटीय निगरानी चौकियों का एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है जो नई दिल्ली को हिंद महासागर के समुद्री यातायात पर नजर रखने की इजाजत देगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडरों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए बैठक कर बातचीत की है। इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने हिमालय में विवादित सीमा पर अधिक सैनिकों को ना भेजे जाने पर सहमति जताई है।

भारत और चीन (India-China) के बीच चल रहे तनाव को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच विवाद सुलझने की उम्मीद जताई है। ट्रंप ने एक बार फिर दो एशियाई देशों की मदद के ऑफर को दोहराया है।

गुरुवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे पता है कि अब चीन और भारत को कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम मदद कर सकते तो हमें मदद करके अच्छा लगेगा।