भारत के बाद चीन ने दिखाई इस देश को आंख, शुरू हो सकता युद्ध

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है. ताइवान के जलडमरूमध्य को सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग माना जाता है. ताइवान को अमेरिका द्वारा सैन्य मदद पर भी चीन विरोध जता चुका है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने जलमार्ग से जहाजों की आवाजाही पर नजर रखी और ”स्थिति नियंत्रण में है.”

 

चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक माइक्रोब्लॉग पर लिखा, ‘हम पुरजोर तरीके से इसका विरोध करते हैं.’ साथ ही कहा कि उसने समुद्र और हवाई क्षेत्र से जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखी.

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘चीन की सेना हर समय सतर्क रहती है और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी खतरे या उकसावे का जवाब दे सकती है.’

अमेरिकी नौसेना ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है कि पोत की आवाजाही मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दिखाती है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने घटनाक्रम को ‘शक्ति का प्रदर्शन’ और भड़काऊ कदम बताते हुए कहा कि इससे ताइवान के स्वतंत्र बलों को गलत संकेत गया और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचा है.

चीन और अमेरिका (China-US Tension) के बीच चल रही तनातनी बढ़ती ही जा रही है. अब समुद्र में दोनों आमने-सामने आ गए हैं. चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait Passage) में अपने दो नौसैन्य पोतों (Navy Warships) के जरिए ‘शक्ति का प्रदर्शन’ किया. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि विध्वंसक पोत यूएसएस एस मैककेन और यूएसएस कर्टिस विल्बर ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत ताईवान जलडमरूमध्य मार्ग का इस्तेमाल किया.