भारतीय सिनेमा के ऐसे शख्स जिन्हें हिंदी सिनेमा का बोला जाता था पितामाह

भारतीय सिनेमा के ऐसे शख्स जिन्हें हिंदी सिनेमा का पितामाह भी बोला जाता था. यह वो शख्स थे जिन्होंने इस इंडस्ट्री को फिल्म निर्माण के अतिरिक्त अभिनय, लेखन, फिल्म वितरण, निर्देशन से भी रूबरू कराया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं आर्देशिर ईरानी की. उनका जन्म महराष्ट्र पुणे में 5 दिसंबर, 1886 में हुआ था  14 अक्टूबर 1969 कोउनका देहांत हो गया था. उनकी प्रा​थमिक एजुकेशन जेजे आर्ट स्कूल से हुई थी. यहीं पर वह अध्यापक के तौर पर कार्य करने गले ​थे. बचपन से ही उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था.

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वर्ष 1920 में उन्होंने अपनी पहली मूक फिल्म ‘नल दमयंती’ बनाई थी. इसके बाद उनकी मुलाकात दादा साहेब फाल्के की कंपनी ‘हिंदुस्तान फिल्म्स’ के पूर्व मैनेजर भोगी लाल दवे से हुई थी. इनके साथ मिलकर ईरानी जीने स्टार फिल्म्स की स्थापना की थी. दोनों ने साथ मिलकर करीब 17 फिल्मों का ​निर्माण किया था. इसके बाद आकस्मित ईरानी  भोगीलाल जी ने साथ कार्य करना बंदर कर दिया था.

आपको बता दें कि आर्देशिर ईरानी इस इंडस्ट्री के वह शख्स थे जिन्होंने हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ बनाई थी. यह फिल्म बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया था.आज सिनेमा उन्हें हमेशा बोलती फिल्म के जन्मदाता के रूप में याद करती हैैं. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने करीब 250 फिल्मों का निर्माण किया था जिसमें से 150 फिल्में मूक थी.हिंदी के अतिरिक्त वह मराठी, गुजराती, तमिल, फार्सी,अंग्रेजी फिल्मों में भी सक्रिय थे.