बुलंदशहर हिंसा- CM योगी ने पूर्व नौकरशाहों की आलोचना करते हुए कही ये बात

 बीजेपी के एक विधायक ने के मामले में यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करने वाले पूर्व नौकरशाहों की आलोचना करते हुए बोला कि उन्हें वहां केवल दो लोगों की मौत की चिंता है, ‘21 गायों’ कि नहीं बुलंदशहर के अनूपशहर विधानसभा सीट से विधायक संजय शर्मा ने बोला कि बड़े जनाधार से निर्वाचित CM को हटाने का अधिकार केवल जनता को है

दरअसल 80 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने बुधवार को एक खुला लेटर लिख कर राज्य  केंद्र  गवर्नमेंट पर तीन दिसंबर को बुलंदशहर के सियाना तहसील में भीड़ के हिंसक हो जाने की घटना को अच्छा ढंग से संभाल पाने में विफल होने के आरोप लगाए थे इन अधिकरियों ने योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की थी इस पर विधायक ने बृहस्पतिवार को एक खुला लेटर लिखा, ‘‘अब आप सब बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हो आपके कल्पनाशील दिमाग केवल दो लोग सुमित  ड्यूटी पर तैनात पुलिस ऑफिसर की ही मौत देख पा रहे हैंआपको नहीं दिख रहा है कि 21 गौ माता भी मरी हैं ’

पूर्व नौकरशाहों का खत
83 पूर्व नौकरशाहों ने इस लेटर में नागरिकों से ‘घृणा  विभाजन की पॉलिटिक्स के विरूद्ध मुहिम’ में एकजुट होने का आह्वान किया है उनका कहना है कि इस पॉलिटिक्स का लक्ष्य हमारे गणतंत्र की बुनियाद समझे जाने वाले मौलिक सिद्धांतों को नष्ट करना है लेटर में बोला गया है, ‘‘यह संवैधानिक मूल्यों का तीव्र क्षरण का ऐसा प्रमाण है कि बतौर एक समूह हमने पिछले अठारह महीने में नौ बार बोलना अत्यावश्यक समझा ’’

इस लेटर पर जिन लोगों ने दस्तखत किये हैं उनमें पूर्व विदेश सचिव श्याम शरण, सुजाता सिंह, कार्यकर्ता अरुणा राय, हर्ष मंदर, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी ऑफिसर जवाहर गवर्नमेंट  योजना आयोग के पूर्व सचिव एन सी सक्सेना आदि शामिल हैं

जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
इलाहाबाद उच्च कोर्ट ने हाल ही में बुलंदशहर में हिंसा के मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का बृहस्पतिवार को राज्य गवर्नमेंट को आदेश दिया

बुलंदशहर हिंसा मामले में आरोपी द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य  न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने राज्य गवर्नमेंट को इस रिट याचिका में दी गई दलीलों के जवाब में एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी, 2018 की तारीख तय की

याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह एक मेडिकल विद्यार्थी है उसका आरोप है कि इस मामले की जांच करने के बजाय लोकल पुलिसकर्मी उसके परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं इसलिए उसने न्यायालय से इस मामले की जांच लोकल पुलिस से किसी अन्य एजेंसी को सौंपने का आदेश देने का अनुरोध किया

हालांकि, इस रिट याचिका का विरोध करते हुए राज्य गवर्नमेंट के एडवोकेट ने बोला कि बुलंदशहर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है इसके अलावा, मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है राज्य गवर्नमेंट के एडवोकेट ने आगे दलील दी कि याचिकाकर्ता बुलंदशहर हिंसा मामले में नामजद है  वह जांच में योगदान नहीं कर रहा है आरोपी याचिकाकर्ता की उपस्थिति पक्की करने के लिए उसकी संपत्ति तक कुर्क कर ली गई है