परीक्षार्थी को हिजाब नहीं उतारने पर इम्तिहान में शामिल होने से रोका

गुरूवार को राष्ट्रीय योग्यता इम्तिहान (एनईटी) के दौरान एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. इम्तिहान के दौरान अधिकारियों ने एक महिला परीक्षार्थी को हिजाब नहीं उतारने पर इम्तिहान में शामिल होने से रोक दिया. यह घटना पणजी की बताई जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से हिजाब  अन्य चीजें इम्तिहान केंद्र के अंदर ले जाने की मनाही है.

महिला परीक्षार्थी सफीना खान सौदागर ने बताया कि 18 दिसंबर को जब वह इम्तिहान केंद्र पर पहुंची तब प्रबंधक ने मुझे हिजाब उतारने को कहा. जब मैंने ऐसा करने से मना किया तब उन्होंने मुझे इम्तिहान में बैठने से रोक दिया. मीडिया से वार्ता में आगे सफीना ने बोला कि अधिकारीयों ने पहले मेरे दस्तावेज देखें, फिर चेहरे की तरफ देखकर बोला कि अपना हिजाब निकालो, इसके साथ हम तुम्हें इम्तिहान में बैठने नहीं देंगे.

करीयर से ऊपर चुनी धार्मिक आस्था 

सफीना के मुताबिक उसने हिजाब निकालने से मना किया क्योंकि यह उसके धार्मिक आस्था के विरूद्ध है. अधिकारियों ने फोटो  मेरे चेहरे का मिलान करने के लिए मुझसे हिजाब उतारने को कहा, मैंने जब दोबारा हिजाब पहनने के लिए वॉशरूम जाने की अनुमति मांगी तो मुझे रोक दिया गया. अधिकारीयों ने जब मुझसे बोला कि मैं हिजाब के साथ इम्तिहान में नहीं शामिल हो सकती. मैंने अपनी धार्मिक आस्था को अपनी करियर से ऊपर चुना.

सौदागर के मुताबिक इम्तिहान के लिए आवेदन करते वक्त उन्होंने सभी नियम पढ़े थे, उनमें ऐसा कुछ नहीं लिखा था. ड्रेस कोड  हिजाब के बारे में ऐसा कुछ नहीं लिखा गया था.

पणजी में उच्च एजुकेशन के डायरेक्टरेट ने इस मामले में बोला कि यूजीसी के नियम के अनुसार हिंदू स्त्रियों को भी मंगलसूत्र  नेकलेस के साथ इम्तिहान में शामिल होने की अनुमति नहीं है. यह सारे नियम कदाचार मुक्त के लिए बनाए गए है. हम यूजीसी के नियमों का पालन करके पारदर्शिता के साथ इम्तिहान कराई जाती हैं.

बता दें कि एनईटी कि इम्तिहान का आयोजन यूजीसी करती है, जिसके द्वारा कॉलेज लेवल पर लेक्चररशिप  जूनियर रिसर्च फेलो का चयन होता है .