बीजेपी के इस फॉर्मूले पर चलेगी अब बसपा, जानिए ये है वजह

लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की काट के लिए बीजेपी ने हर बूथ ‘50+’ वोटों के साथ जीतने की जो योजना बनाई थी, अब बीएसपी भी उसी रास्ते पर बढ़ेगी. बीएसपीने 2007 की तरह भाईचारा कमेटियों का इस्तेमाल आगे बढ़ाने का निर्णय किया है.

पार्टी सुप्रीमो मायावती ने यह आदेश सोमवार को नयी दिल्ली में लोकसभा चुनाव की समीक्षा के दौरान दिए. मायावती ने संगठन को बूथ स्तर तक नए सिरे से खड़ा करने  भाईचारा कमेटियां विधानसभा क्षेत्र स्तर तक बनाने को बोला है.

उन्होंने बोला कि पार्टी अपने बेस वोट के साथ सर्वसमाज का समर्थन हासिल कर 50 से 60 फीसदी वोट शेयर अकेले जुटा सकती है. माना जा रहा है कि बीएसपी ने 2022 का विधानसभा चुनाव सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी प्रारम्भ कर दी है.

जोन इंचार्ज, जिला, विधानसभा प्रभारी हटे, चार सेक्टर में बंटा यूपी

मायावती ने चुनाव नतीजों की समीक्षा के बाद मौजूदा जोन इंचार्ज (कोऑर्डिनेटर), जिला और विधानसभा प्रभारियों को हटा दिया है, हालांकि जिला संगठन बना रहेगा. उन्होंने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर सेक्टर इंचार्ज बनाए हैं.
लोकसभा में बीएसपी संसदीय दल के नेता और नगीना सांसद गिरीश चंद्र को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा और अलीगढ़ मंडल का प्रभारी बनाया गया है. उनके साथ राजकुमार गौतम, शमशुद्दीन राईन, डॉ कमलराज भी रहेंगे.पूर्व सांसद मुनकाद अली को बरेली, लखनऊ, कानपुर, झांसी और चित्रकूट मंडल की जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ भीमराव अंबेडकर और जितेंद्र शंखवार को जोड़ा गया है.इलाहाबाद, मिर्जापुर, बनारस  आजमगढ़ मंडल की जिम्मेदारी अशोक गौतम, घनश्याम चंद्र खरवार, नौशाद अली और इंदल राम को दी गई है. गोरखपुर, देवीपाटन, फैजाबाद औरबस्ती मंडल की जिम्मेदारी त्रिभुवन दत्त, सुनील कुमार चित्तौड़, केके गौतम और पवन कुमार गौतम संभालेंगे.