इस खबर के वायरल होते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुली चुनौती देते हुए कहा है कि 60 घोटालों के सृजनकर्ता नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह, दुर्दांत अपराधियों के संरक्षकर्ता, अनैतिक और अवैध सरकार के कमजोर मुखिया है. बिहार पुलिस शराब बेचती है.
अपराधियों को बचाती है निर्दोषों को फँसाती है. मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं- अब करो इस आदेश के तहत मुझे गिरफ्तार. तेजस्वी ने आगे लिखा है कि हिटलर के पदचिन्हों पर चल रहे मुख्यमंत्री की कारस्तानियां. प्रदर्शनकारी चिह्नित धरना स्थल पर भी धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते.
एडीजी ईओयू नैय्यर हसनैन खां ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उनके अधीन किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ ऐसा कोई पोस्ट सामने आता है तो तुरंत इसकी जानकारी दें. इसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग मानते हुए जांच की जाएगी और आईटी एक्ट के तहत पोस्ट डालनेवाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.
ऐसा करने वाले लोगों के विरुद्ध आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज होगा और जांच की जाएगी. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य में ईओयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
साइबर क्राइम से जुडे मामलों की जांच में वह स्थानीय पुलिस को भी सहयोग देती है. चूंकि भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट साइबर क्राइम की श्रेणी में आएगा, लिहाजा ईओयू की ओर से यह पत्र लिखा गया है.
आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार के सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव को पत्र लिखकर ऐसे किसी पोस्ट की शिकायत करने को कहा है. बिहार की आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) द्वारा जारी किये गये एस पत्र कहा गया है .
सोशल मीडिया पर किसी मंत्री, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
विभाग की तरफ से ऐसे किसी पोस्ट की सूचना देने का आग्रह किया गया है, जिससे व्यक्ति या संस्थान के साथ सरकार की प्रतिष्ठा का हनन होता है या किसी की छवि धूमिल होती है.
दरअसल, बिहार में यह आदेश जारी किया गया है कि सोशल मीडिया पर मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारी और कर्मचारी के साथ किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ अनाप-शनाप टिप्पणी पर अब कानूनी कार्रवाई होगी. प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने के आरोप में आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज होगा और जांच की जाएगी.
सोशल मीडिया पर आलोचना को लेकर कार्रवाई करने के आदेश ने बिहार में नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. नीतीश सरकार के इस निर्देश के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुली चुनौती दी है.