प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस शख्स को कुर्सी तक छोड़ा, जानिए ये है वजह

राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला को आज लोकसभा के नया अध्यक्ष बनाया गया है. उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. सारे पूर्वानुमानों  अटकलों पर विराम लगाते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा के नए स्पीकर के मुद्दे में अनुभव पर ऊर्जावान युवा चेहरे को तरजीह दी है.

पीएम नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने प्रस्ताव किया  कई अन्य नेताओं ने इनका अनुमोदन किया. बाद में सारे सदन ने ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया  फिर कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने बिरला को स्पीकर घोषित किया. बताते चलें कि ओम बिरला राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं.

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी खुद उन्हें कुर्सी तक छोड़ने गए. ओम बिड़ला की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने बोला कि हम सबके लिए गर्व का विषय है कि स्पीकर पद पर आज हम ऐसे आदमी का अनुमोदन कर रहे हैं, जिन्होंने विद्यार्थी पॉलिटिक्स से ही ज़िंदगी का सर्वाधिक उत्तम समय, बिना किसी ब्रेक के समाज की किसी न किसी गतिविधि में व्यतीत किया है.

उन्होंने बोला कि एजुकेशन का काशी कहे जाने वाला राजस्थान के कोटा का परिवर्तन, जिसके सहयोग से हुआ है वो नाम है श्री ओम बिड़ला जी. समाज में कहीं भी पीड़ा नजर आई तो पहले बिड़ला जी पहले पहुंचने वाले व्यक्तियों में से रहे.

पीएम ने बोला कि आम तौर पर राजनीतिक ज़िंदगी में ये छवि बनी रहती है कि राजनेता 24 घंटे राजनीतिक उठापटक करते हैं. लेकिन, वर्तमान में देश ने अनुभव किया है कि राजनीतिक ज़िंदगी में जितनी अधिक सामाजिक सेवा रहती है, उतनी अधिक मान्यता मिलती है. ओम बिड़ला जी की पूरी कार्यशैली समाज सेवा से जुड़ी रही है.

ओम बिड़ला की तारीफ करते हुए पीएम ने बोला कि जब गुजरात में भयंकर भूकंप आया, तब बहुत लंबे समय तक वे कच्छ में रहे. अपने इलाके के युवा साथियों को लेकर आए  पीड़ितों की सेवा का कार्य किया. जब केदारनाथ का एक्सीडेंट हुआ तो बिरला जी अपनी टोली के साथ उत्तराखंड में समाज सेवा के लिए लग गए  अपने कोटा में भी अगर किसी के पास ठंड के सीजन में कंबल नहीं है तो रातभर कोटा की गलियों में निकलकर जन सहभागिता से लोगों को कंबल पहुंचाते हैं.

बिड़ला जी ने एक व्रत लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा  वे एक प्रसादम नाम की योजना चलाते हैं जो आज भी चल रही है. ओम बिड़ला जी ने पॉलिटिक्स का केन्द्र बिंदु जन आंदोलन से ज्यादा जनसेवा को बनाया. ऐसा संवेदनशील व्यक्तित्व आज जब स्पीकर पद पर आया है, तो वो हमें अनुशासित भी करेंगे  अनुप्रेरित भी करेंगे. उनके कार्यकाल में सदन देश के लिए उत्तम से उत्तम ढंग से कार्य कर सकेगा.