प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों के खाते में ट्रांसफर हुई इतने रुपये की दूसरी किस्त

प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत करीब 3.10 करोड़ छोटे किसानों को अभी तक 2 हजार रुपए की पहली किस्त और 2.10 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त मिल चुकी है. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी है. उन्‍होंने कहा कि इससे सरकारी खजाने पर 10,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है.

देश के 12 करोड़ किसानों को मिलना है पैसा

लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि या पीएम किसान योजना का ऐलान किया था. इसके तहत देश के 12 करोड़ गरीब किसानों को 3 समान किस्तों में प्रति वर्ष 6 हजार रुपए दिए जाने हैं.

चुनाव आयोग ने दी है यह छूट

हालांकि, भारतीय निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को आचार संहिता लागू होने से पहले योजना के तहत रजिस्टर्ड सभी लाभार्थियों को पहली और दूसरी किस्त के ट्रांसफर की अनुमति दे दी थी. बता दें कि आचार संहिता 10 मार्च को लागू हुई थी.

10 मार्च से पहले 4.76 करोड़ किसानों ने कराया था रजिस्ट्रेशन

कृषि‍ मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि 10 मार्च से पहले करीब 4.76 करोड़ किसानों ने पीएम-किसान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया था. उन्‍होंने कहा कि हमने 3.10 करोड़ किसानों को पहली किस्त और 2.10 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त ट्रांसफर कर दी है. उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी किस्त के भुगतान से सरकारी खजाने पर 10,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है.

बजट में सरकार ने किया था यह ऐलान

गौरतलब है कि अंतरिमबजट में एनडीए सरकार ने चालू वित्त वर्ष में मार्च के अंत तक किसानों को पहली किस्त के 2 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की थी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 24 फरवरी को औपचारिक तौर पर लॉन्च किया था, जिसके तहत 1.01 करोड़ किसानों को पहली किस्त ट्रांसफर की थी. इससे सरकारी खजाने पर 2,021 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा था.

यूपी के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा

उत्तर प्रदेश में अभी तक लगभग 1 करोड़ किसानों को पहली किस्त, जबकि आंध्र प्रदेश के 30 लाख किसानों को पहली किस्त जारी कर दी गई है. अधिकारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा भी सबसे ज्यादा फायदा पाने वाले राज्यों में हैं, जिन्होंने योजना के तहत अपने किसानों का रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है. इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर से कम जुताई भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान पात्र हैं.