पाक के पीएम इमरान खान ने अपने इस बयान में खोली आतंकवाद की पोल, स्वीकार की ये बात

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तेहरान में दिए अपने बयान को लेकर मंगलवार को विपक्ष के निशाने पर आ गए। दरअसल, उन्होंने तेहरान में स्वीकार किया था कि अतीत में आतंकवादियों ने ईरान में हमले करने के लिए उनके देश की सरजमीं का इस्तेमाल किया।

तेहरान की दो दिवसीय यात्रा (21-22 अप्रैल) के अंतिम दिन ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ संयुक्त प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा था, ‘मैं जानता हूं कि पाकिस्तान से सक्रिय समूहों द्वारा ईरान आतंकवाद से पीड़ित रहा है। हमें एक-दूसरे पर भरोसा करने की जरुरत है कि दोनों देश अपनी सरजर्मी पर किसी आतंकवादी गतिविधि की अनुमति नहीं देंगे। हमें उम्मीद है कि इससे हमारे बीच भरोसा पैदा होगा।’

नेशनल असेंबली में खान की ईरान यात्रा पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता खुर्रम दस्तगिर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है क्योंकि पहली बार उन्होंने ईरान में आतंकवाद के लिए देश की सरजमीं का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की है।’

पीएमएल-एन सांसद ने कहा, ‘किसी भी प्रधानमंत्री ने विदेशी सरजमीं पर ऐसा कोई इकबालिया बयान नहीं दिया।’

उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही विदेश मंत्री ने कहा था कि बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ईरान से आतंकवादी घुसे थे। उन्होंने कहा, ‘ऐसे बयानों से पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश हो गया है।’

उन्होंने खान के इस बयान को लेकर भी उन पर निशाना साधा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिर से सरकार बनने से कश्मीर मुद्दे के हल की ओर बढ़ने में मदद मिल सकती है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता और पूर्व विदेश मंत्री हीना रब्बानी खार ने कहा, ‘देश को लगातार हंसी का पात्र बनते देखकर हम चिंतित हैं। आप इस तरह के बेवकूफाना बयान नहीं दे सकते और हमसे अपना समर्थन करने की उम्मीद नहीं कर सकते।’

खान का बचाव करते हुए पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि ईरान के खिलाफ आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल करने की स्वीकारोक्ति पर ‘उन्हें संदर्भ से बाहर उद्धृत’ किया गया। बाद में विपक्ष ने सदन में खान से स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए स्पीकर के आसन के समक्ष प्रदर्शन किया।