देश में 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया है. अप्रैल का महीना औसत दैनिक टीकाकरण के मामले में अब तक के बेहतर महीनों में से एक रहा है. लेकिन टीकाकरण में जेंडर गैप बढ़ा है.
भारत दुनिया में सबसे अधिक विषम लिंगानुपात वाले देशों में से एक है. आंकड़े बताते हैं कि देश में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या 5.7 फीसदी ज्यादा है. इसलिए, टीकाकरण के मामले में भी 6 प्रतिशत यह अंतर नजर आएगा. लेकिन मौजूदा समय में जेंडर गैप 15 फीसदी के करीब है.
दो हफ्ते बाद, 24 अप्रैल को, यह अंतर (जेंडर गैप) बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया. इसके बाद 6 मई को महिलाओं की तुलना में लगभग 24 प्रतिशत अधिक पुरुषों का टीकाकरण किया गया. 6 मई को ही देश में कोरोना के रिकॉर्ड 4.14 नए केस लाख सामने आए थे.
वहीं, अप्रैल के मध्य तक महिलाओं की तुलना में लगभग नौ प्रतिशत अधिक पुरुषों ने वैक्सीन की डोज ली. अभी भी दोनों (महिला-पुरुष) के बीच 15 फीसदी का अंतर है. बता दें कि ये सभी आंकड़े, वैक्सीन की दैनिक डोज के सात-दिन के मूविंग एवरेज पर आधारित हैं.
कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) तेजी पकड़ रहा है. लेकिन इस टीकाकरण अभियान के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें लैंगिक अंतर यानी कि जेंडर गैप (Gender Gap) देखने को मिलता है.
अधिकांश राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम वैक्सीन लगवाई है. देशभर में 10 अप्रैल को, महिलाओं की तुलना में करीब दो प्रतिशत अधिक पुरुषों ने वैक्सीन लगवाई. लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे ये आंकड़ा और बढ़ता गया.